
सरदार पटेल के स्मृति दिवस पर सियासी विस्मृति: क्या राष्ट्रधरोहर भी चुनावी एजेंडे की मोहताज?
ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम – भारत की एकता के शिल्पकार, लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल—जिनका नाम आते ही राष्ट्रनिर्माण, दृढ़ संकल्प और अखंडता की छवि उभरती है—आज एक बार फिर राजनीति के कठघरे में खड़े दिखाई देते हैं। कारण यह नहीं कि उन्हें याद किया गया, बल्कि यह कि
































