धिक्कार है हिंसक नेतृत्व आत्ममुग्ध रक्षकुल शठ
- यानी चित भी मेरी,पट भी मेरी,अंटा मेरे बाप का!-- मृतक कभी आंदोलित नही होते,…
- यानी चित भी मेरी,पट भी मेरी,अंटा मेरे बाप का!-- मृतक कभी आंदोलित नही होते,…
- किसान आंदोलन से कुछ तो बदलेगा। कितना बदलेगा, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि…
- "जिम्मेदारियां" जिंदगी भर पीछे लगी रहती हैं मध्यम वर्ग के, इनके लिए ही कहा…
आज प्रशासन के सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार इतना व्यापक है कि समानुभूति और सार्वजनिक सेवा…
-कमलेश भारतीय क्या यही सच है ? सरकार और किसान नेताओं के बीच बात डेडलाॅक…
अशोक कुमार कौशिक देश में किसान आंदोलन का मुद्दा बड़े जोर शोर से चल रहा…
-कमलेश भारतीय कभी जननायक जयप्रकाश नारायण ने पटना से प्रदर्शन कर आवाज़ बुलंद की थी…
-- आंदोलन में लोगों की व्यक्तिगत संपत्तियों को क्षति पहुंचाने का अधिकार किसने दिया-- यही…
-- पता नहीं किस सृजनहार ने रचा है इन जाहिलों को,पशु बनाना था,धोखे से इंसान…
हृदय की पवित्रता, मानसिक सरलता और आंतरिक संवेदनशीलता हमारी यात्रा के अंतिम साधन बन सकते…