– राम भाजपा के लिए राजनीतिक टूल बन गए हैं ।– राम इस देश की आत्मा हैं, राम निवास करते हैं उनको मानने वालों के दिलों में ।– टोलियां आएंगी, आ रही होंगी। उन्हें चन्दा चाहिए। उस रसीद में आपका नाम चाहिए। अशोक कुमार कौशिक यह देश राम का नाम प्यार से एक दूसरे का अभिवादन करने के लिए लेता रहा है। बिना किसी जातीय या वर्गीय भेदभाव के । हज़ारों साल किसी ने बुरा नही माना,किसी ने प्रतिरोध नही किया । राम इस देश की आत्मा हैं, राम निवास करते हैं उनको मानने वालों के दिलों में । पिछले कुछ सालों से राम भाजपा के लिए राजनीतिक टूल बन गए हैं । वो राम का नाम उत्तेजित करने,डराने या फिर चिढ़ाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं,उपहास कर रहे हैं। यकीन मानिए राम जिनके लिए एक राजनीतिकटूल हैं ।उनके दिलों में झांकिये । वहां आपको राम नही मिलने वाले । वहां आपको मिलेगा नफरत, जिसे पाल पोस कर,खाद पानी दे भाजपा और संघ जिंदा रखता है।राम के नाम की बृहदाता को जितना संकुचित किया है संघ भाजपा ने उसकी सजा उनको मिलेगी, समय उसका निर्णय करेगा । – राम, रोटी, और इंसाफ .. जो न जानते हों, जान जाएं कि बीस साल पहले ये नारा था। सत्ता में बैठी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र था। उस दौर में सफलता नही मिली थी। आगे आने वाले दौर में रोटी और इंसाफ गायब हो गया। सिर्फ राम बचे। फिर पूछा गया- क्या आप राम के साथ है, या उनके विरुद्ध। यह बाइनरी है, जिसका उत्तर, प्रश्न में शामिल है। आखिर राम के विरुद्ध कौन हो सकता है। आप नही, मैं नही, कोई मुसलमान, क्रिस्तान, यहां तक कि पाकिस्तान भी नही। हर कोई राम के साथ हैं। लेकिन राम के पीछे, राम के नाम के साथ, क्या क्या है? आप राम का आइकन क्लिक करते है, और तमाम वायरसों का विशाल पैकेज आपके कम्प्यूटर में डाउनलोड हो जाता हैं। राम की फोटो के साथ नोटबन्दी आती है। पेड मीडिया आता है। बिके हुए लार्ड आते हैं। सड़को पर लिंचिंग आती है। किसान, मजदूर व्यापारी और छात्र की बेबसी आती है। रोते हुए नेता आते है, फेक न्यूज आता है। झूठ और नफरती शोर में नारे लगाता, भविष्य चौपट करता, बेरोजगार बेटा आता है। आस पड़ोस में लाश आती है। सीमा से, आंदोलन से, हिरासत से, कतारों से , पैरों के छालों से, मंडियों से, अनाज की बोरी, गैस सिलेंडर, डीजल पेट्रोल, हंसी पर पहरे और फेक एफआईआर से अनहद पीड़ा आती है। जब तक यह लाश आपके घर मे न गिरे, तब तक परपीड़ा का सुख भी आता है। आप राम के साथ है, इमाम ए हिन्द के साथ है, तो पहले हिंदुस्तान के साथ खड़े होईये। राम को दिल मे रखकर, उन पर अपनी सच्ची श्रध्दा से न्याय कीजिये। राम के नाम पर इस नरेटिव को नकारिये, और प्रभु राम के साथ न्याय कीजिये। आपसे फिर ये सवाल करने टोलियां आएंगी, आ रही होंगी। उन्हें चन्दा चाहिए। उस रसीद में आपका नाम चाहिए। आपके हस्ताक्षर उनके मालिकों को दिखाए जाएंगे। आश्वस्त करने को, कि आप इस बदहाली, बर्बादी, अव्यवस्था, तानाशाही, झूठ औऱ लोकतन्त्र को दिए जा रहे जहर के साथ है। आपका दस्तखत, आपका चन्दा, आपकी रसीद बैकुंठ धाम में नही, उस दो करोड़ वाले जिला कार्यालय में पहुंचेगी, जिसका स्रोत अब तक नही बताया गया। रसीदों की ऊंची गड्डियां, प्रभु राम की नही, बाबाओं और हिंदुस्तान को भंगार के भाव खरीदने वालों की मुस्कान चौड़ी करेंगी। उन्हें बता देगा कि अभी आपके सब्र का प्याला भरा नही है। आप राम के नाम पर बैठे लोगों के अत्याचार के साथ हैं। उठना होगा, बोलना होगा, मना करना होगा। हृदय में पीड़ा होगी, घर के राम की तस्वीर के सामने माफी मांग लीजिएगा। हाथ जोड़कर, बुदबुदाकर, प्रार्थना करते हुए राम से कहिये- “भक्त आपका हूँ प्रभु, किसी तानाशाह का नही।” राम समझ जाएंगे। उनके दामन पर उछाले गए खून का एक धब्बा धुल जायेगा। वह आर्शीवाद देंगे। उनके आशीर्वाद से आप फलेंगे, फूलेंगे, हल्का महसूस करेंगे। या राम के नाम पर इंसानियत से बेइंसाफी का बोझ लेकर मरेंगे। राम को शर्मिंदा करेंगे। मर्जी है आपकी। Post navigation टोल वसूली को लेकर तीन घंटे तक टोल बूथ के पास रहा हंगामा दी खाधान्न व्यापार एसोसिएशन नारनौल ने की बैठक