वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र 28 दिसंबर : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने मंत्रोच्चारण और शंखनाद की ध्वनि के बीच सांय कालीन महाआरती का शुभारंभ किया। गीता महोत्सव की इस आरती से ब्रह्मसरोवर की पूरी फिजा भक्ति रस में डूब गई। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में वीरवार को देर सायं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सहयोग से ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में सांय कालीन आरती का आयोजन किया गया। महोत्सव के पहले दिन राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, संत समाज से संत महामंडल की अध्यक्ष महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्या गिरि जी महाराज, षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक महंत बंशी पुरी, अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर, उपाध्यक्ष महंत गुरुभगत, संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कार्यालय सचिव महंत राम अवतार दास, सचिव महंत सुनील दास, महंत चमन गिरि, महंत वासुदेवानंद गिरि, महंत त्रिवेणी दास, स्वामी कमल गिरि, साध्वी कोशिकी गिरि, महंत गोपाल दास इत्यादि के साथ विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, अंबाला मंडल आयुक्त गीता भारती, उपायुक्त नेहा सिंह, केयूके कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, निट के निदेशक के रमणा, पुलिस अधीक्षक वरुण सिंघल, मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील राणा, उपनिदेशक डा. प्रीतम सिंह, तिजेंद्र गोल्डी, सौरभ चौधरी, डा. ऋषिपाल मथाना, विजय नरुला, अशोक रोशा, डा. रवनीत सिंह आदि ने शंखनाद और मंत्राोच्चारण के बीच संध्या कालीन आरती का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम से पहले केडीबी की तरफ से प्रसिद्घ कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति देकर ब्रह्मसरोवर के वातावरण में भक्ति रस घोल दिया। ब्रह्मसरोवर की सांय कालीन आरती में पंडित बलराम गौतम, सोमनाथ शर्मा, अनिल गौतम, रोहित कौशिक, रूद्र गौतम ने आरती करवाई और मंत्रोच्चारण का जाप किया। राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि ब्रह्मसरोवर की आरती से पर्यावरण शुद्घ होता है। यह एक आदि भौतिक, आदि दैविक एवं अध्यात्मिक दृष्टि के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक दृष्टि से भी एक सिद्घ समग्र एवं समन्वित उपक्रम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वच्छता को लेकर एक बहुत अच्छा अभियान शुरु किया है। इस अभियान में हर व्यक्ति को अपना सहयोग देना चाहिए। इस महोत्सव को भी स्वच्छ और सुदंर बनाने का प्रयास करना चाहिए। जिस घर, मोहल्ले, शहर और प्रदेश में स्वच्छता होगी, वहां के नागरिक स्वस्थ होंगे और स्वस्थ व्यक्ति देश और प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकेगा। Post navigation शंखनाद की ध्वनि के साथ सरस व शिल्प मेले के उद्घाटन से हुआ अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य शुभारंभ