Category: धर्म

समाज-परिवार तक जुड़े रहने तक इंसान का वजूद: तारागिरी

भजन गायक धर्मबीर ने भजन सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया. माता पिता गुरु और वृद्धों का सम्मान करने वाले ही सज्ज्न फतह सिंह उजालापटौदी। गांव खैंटावास स्थित बाबा झोपड़ी वाले…

ईश्वर को जानने के लिए स्वामी श्रद्धानंद के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए: स्वामी धर्ममुनि

भिवानी/मुकेश वत्स हलवासिया विद्या विहार में स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आर्य समाज के स्वामी धर्ममुनि क्रांतिकारी पधारे।…

माँ बाप की सेवा ही सर्वोपरि है : हुज़ूर कँवर साहेब

माँ बाप को दुःख देकर, कितने ही तीर्थ व्रत, गुरु धारण करो, मंदिर मस्जिदों में माथा रगड़ो कोई फायदा नहीं। : हुज़ूर कँवर साहेब महाराज जी प्रभु भक्ति करना मत…

सतगुरु नानक प्रगटेया मिटी धुंध जग चानन होया

पंचकूला। बाबा गुरुनानक देव जी के 551 वे प्रकाश पर्व के अवसर पर सरदार अवतार सिंह मनचंदा द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पूर्व पार्षद ओमवती पूनिया को भी…

कार्तिक पूर्णिमा पर महिलाओं ने मत्सय अवतार की पूजा की

सुबह उगते हुए सूर्य को किया जल अर्पित और जलाए दीपक. अनाज सहित विभिन्न प्रकार की सामग्री का किया दान फतह सिंह उजाला पटौदी । कार्तिक माह की पूर्णिमा को…

गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक

आग लगी आकाश में झर-झर गिरे अंगार,संत न होते जगत में तो जल मरता संसार” । युद्धवीर सिंह लाम्बा 30 नवंबर, सोमवार को भारत और पूरे विश्व में महान संत…

मन और तन दोनो स्वस्थ होंगे तो आप निर्विघ्न परमार्थ कर पाओगे। : कंवर साहेब महाराज जी

सर्व शक्तियों का भंडार आपका शरीर।विचारों को एकचित कर नाममय हो जाओ : हजूर कंवर साहेब भिवानी जयवीर फोगाट, ।।29.11.2020।।इंसान जो चाहता है वो परमात्मा को मंजूर हो ये आवश्यक…

सनातन संस्कृति के हित में गाय का संरक्षण जरूरीः शंकराचार्य नरेंद्रानंद

गाय हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की अमूल्य धरोहर. जिस घर आंगन में गाय वह वास्तव में स्वर्ग के समान फतह सिंह उजाला पटौदी । भारतीय सनातन संस्कृति के हित में…

इंसान बल बुद्धि चतुराई में गाफिल हो परमात्मा को भूल गया : हजूर कंवर महाराज

आत्मा परमात्मा से इसी प्रकार बिछड़ी हुई है जैसे बून्द बादल से बिछड़ती है। : कंवर साहेब जी महाराज. चौरासी लाख चोलो में से सबसे उत्तम चोला इंसानी चोला है,…

गोपाष्टमी क्या एक ही दिन… यहां तो हर सांस, हर पल, हर दिन, गोपाष्टमी ही गोपाष्टमी

गाय को मां कहते हैं लेकिन याद एक ही दिन आती. गाय के प्रति यह कैसा है हमार अपना ही श्रद्धा भाव फतह सिंह उजाला एक तरफ तो गाय को…

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