भिवानी/मुकेश वत्स

हलवासिया विद्या विहार में स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आर्य समाज के स्वामी धर्ममुनि क्रांतिकारी पधारे। प्राचार्य विमलेश आर्य ने माल्यार्पण द्वारा उनका अभिनंदन किया। स्वामी धर्ममुनि ने अपने उद्बोधन में कहा स्वामी श्रद्धानंद का संपूर्ण व्यक्तित्व प्रेरणा स्त्रोत है तथा प्रत्येक व्यक्ति को अपने आध्यात्मिक उत्थान के लिए स्वयं और ईश्वर को जानने के लिए स्वामी श्रद्धानंद के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। जीवन में शांति परम आवश्यक है, जो हमें परमात्मा की शरण से ही संभव है।

उन्होंने वेदों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया हमें अपने महापुरुषों के बलिदानों को नहीं भूलना चाहिए तथा हम आज कितने भी शिक्षित हो जाएं, संस्कारों के अभाव में सब व्यर्थ है। भौतिक वस्तुओं में सुख है, आनंद नहीं आनंद को हमेशा परमात्मा में ही खोजें। उन्होंने बताया सत्य को जानने के लिए वेदों तथा सत्यार्थ प्रकाश को ज़रूर पढऩा चाहिए। कार्यक्रम के अंत में प्रशासक दीवान चंद रहेजा एवं प्राचार्य विमलेश आर्य ने धर्म मुनि जी का आभार जताते हुए वैदिक संस्कारों के प्रचार प्रसार में उनकी सक्रिय भूमिका की सराहना की।

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