स्टाफ की कमी से जूझ रहेे हैं प्रदेश भर में नारकोटिक्स सेल, अपराधों की जननी है नशा

चंडीगढ़, 25 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एव सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि नशा मुक्ति को लेकर जो भी सरकारी योजनाएं है वे कागजों में कैद होकर रह गई है, जिनके नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, इसी वजह से प्रदेश में नशे की आपूर्ति कम होने के बजाए गत वर्ष की अपेक्षा 18 प्रतिशत बढ़ी है जो गंभीर चिंता का विषय है, नशे के शिकार युवा मौत का शिकार हो रहे हैं, ऐसे में सरकार को नशा मुक्ति की दिशा में सख्त कदम उठाना चाहिए। इस अभियान में पुलिस के साथ साथ समाज के हर व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए क्योंकि समाज के साथ मिलकर ही इसे समाप्त किया जा सकता है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश में नशा को लेकर जो आंकड़े सामने आ रहे है वे काफी भयावह है, समाज के हर वर्ग के लोगों को भी इस ओर ध्यान देना होगा। प्रदेश के 22 जिलों में से 16 जिलों में गंभीर हालात है, 900 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित है, हरियााणा ऐसा राज्य है जहां हर प्रकार का नशा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। प्रदेश में 18 से 35 साल के युवा इसकी चपेट में ज्यादा है। हरियाणा के साथ साथ इसकी सीट से सटे पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और यूपी के साथ लगते जिले नशे की चपेट में है। उन्होंने कहा कि सिरसा और फतेहाबाद जिले सबसे ज्यादा प्रभावित है, इसके अलावा हिसार, रेवाडी, यमुनानगर, अंबाला, जींद, फरीदाबाद, करनाल, कैथल, रोहतक, सोनीपत, कुरूक्षेत्र, पलवल, नूहं भी नशे की गिरफ्त में हैं। हर साल औसतन 50 नशेडियों की मौत होती है। नशे से मौत को लेकर सरकार आंकडों को छुपाती आई है जबकि धरातल पर आंकड़े कुछ और ही कहते हैं।

उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार की ओर से नशा मुक्ति को लेकर जो भी योजनाएं बनाई है वह फाइलों में कैद होकर रही गई है, धरातल पर उनका क्रियान्वयन दिखाई नहीं देता। जब तक अभियान के नाम पर दिखावा किया जाएगा सफलता नहीं मिल सकती। प्रदेश भर में नारकोटिक्स सेल में स्टाफ की कमी है। ऐसे में नशा तस्करों पर कैसे अंकुश लगाया जा सकता है। इस अभियान में जब तक जनसहयोग नहीं लिया जाएगा कामयाबी नहीं मिलेगी। नशे पर रोक लगाना का काम अकेले पुलिस का नही है सभी को इसमें सहयोग देना होगा। उन्होंने कहा कि नशा ही सभी प्रकार के अपराधों की जननी है अगर नशे पर रोक लगी तो अपराध भी अपने आप कम हो जाएंगे। सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाना ही होगा।

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