Category: विचार

कैसे थे बुरे दिन , अच्छे दिनों के मुकाबले

– “मजा मारे जुम्मन मियां धक्का सहे जुगानी।”– जितना देश आर्थिक और बौद्धिक रूप से कमज़ोर हो रहा है उतना ही मोदी जी मज़बूत हो रहे हैं। – गडकरी देश…

“मोदी नहीं तो कौन?”

– दक्षिणपंथ ने हमारी साइकी में भीतर तक बैठा दिया कि मोदी का कोई विकल्प नहीं – कांग्रेस को ‘कामराज प्लान’ की ज़रूरत– अब ऐसे राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री है देश के…

क्या यही है जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए चुना गया लोकतंत्र…??

– सरकार सिर्फ बहुमत से नहीं बल्कि इकबाल से चलती है।– रामलीला मैदान पर, इंडिया गेट पर इकट्ठी होकर नारे लगाती थी तब एक भी आदमी को देशद्रोही नहीं कहा…

किधर है लोकतंत्र…! दिख जाए तो मिलवाने जरूर लाइएगा।

– वो हरियाणा, जिस धरती से देश के प्रधानमंत्री ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” मुहीम की आगाज की थी। उसका गृहमंत्री तो उसके समूल नाश की बात रहा है. –…

पुलवामा डे पर क्या केवल मोमबत्ती जलाने और स्टैटस लगाने से शहीदों के आत्मा को शान्ति मिलेगी?

– पुलवामा घट रहा था और शासक की शूटिंग कंटिन्यू थी– अरनव के व्हाट्सएप चैट ने सरकारी हत्याकांड पर मुहर लगा दी ।– 40 शहीदों के परिवार तक कितनी सरकारी…

राम के नाम से डराती, चिढ़ाती भाजपा

– राम भाजपा के लिए राजनीतिक टूल बन गए हैं ।– राम इस देश की आत्मा हैं, राम निवास करते हैं उनको मानने वालों के दिलों में ।– टोलियां आएंगी,…

की कमजोरी एक बार फिर .

– कांग्रेस का कोई बड़ा नेता राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो या ट्वीट हो कभी रीट्वीट करता हो ..-राहुल कितनी ही मेहनत कर लें जब तक कांग्रेसी नही मेहनत करेंगे…

‘रूदनजीवी’ कब से हो गए आप?

-राज्यसभा में प्रधानमंत्री के रोने की चर्चा सब कर रहे हैं पर प्रधानमंत्री भावुक क्यों हुए?ये कोई नही जानता..– मोदी जी भावुक होना अच्छी बात है लेकिन विषय सही चुनना…

error: Content is protected !!