–कमलेश भारतीय यह भारतीय राजनीति भी जुमलों पर आ गयी । कभी पप्पू तो कभी फेंकू फेंकू । कभी दीदी तो कभी भैया भैया । इन दिनों बंगाल में चल रहा है यह जुमला । कल संसद में नया जुमला आया -हम दो, हमारे दो । यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही चला रहे सरकार बाकी सिर्फ दर्शनावतार । पहले सुषमा स्वराज ऐसे ही दर्शनावतार रही । अब निर्मला सीतारमण । जवाब आया अनुराग ठाकुर की ओर से कि जीजा जी , दीदी जी और बच्चे की बात करो । यह हमारा स्तर हो गया संसद का नयी सबसे बड़ी पंचायत का । पहले कहा गया था सूट बूट की सरकार । फिर जनसभाओं में कहा गया कि चोर है । नारे लगवाये गये । पर चुनाव नहीं जीत पाये । इतना सीटें भी नहीं कि विपक्ष के नेता का पद दिया जा सके । पर अब देश कह रहा है कि सब बेच दिया और बेचने पर तुले हैं । एयर इंडिया से लेकर क्या क्या नहीं बेचा ? जहां तक दीदी यानी प्रियंका गांधी की बात है तो वे कल प्रयागराज में मौनी अमावस्या का स्नान करने गयी थीं । इसलिए आनंद भवन भी गयीं परदादा पंडित जवाहर लाल नेहरू को नमन् करने । नाव भी चलाई । वैसे भी अब कांग्रेस की नाव की खेवनहार प्रियंका गांधी ही हैं । खासतौर पर यूपी में । चुनाव से पहले सक्रिय हो गयीं और हिंदुत्व भी अपना लिया । यानी राजनीति का साॅफ्ट चेहरा बनना जरूरी । भाजपा को उसी के अंदाज में जवाब देना जरूरी । किसान महापंचायत में भी शामिल हुईं । हर आंदोलन पर सतर्क और चौकन्नी निगाहें । इधर अमित शाह जी पश्चिमी बंगाल में कह रहे हैं कि मोदी के विकास माॅडल और दीदी के विनाश माॅडल में से चुनाव आपको करना है । किसान आंदोलन किसके विकास का माॅडल है महोदय ? गुजरात माॅडल की बात पुरानी हो गयी और शायद अच्छे दिनों की बात भी अब सुहाती नहीं । कुछ नया सोचो । कुछ बड़ा सोचो साहब । Post navigation बाबुओं के हाथ में देश…. दर्शकों को हंसा कर खुशी मिलती है पर सुकून संगीत में : सुगंधा मिश्रा