प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 उदयभान ने जो दीपक बाबरिया जी को 8 अक्टूबर को मिले व्हाटसअप संदेश को सार्वजनिक किया है, उसे हरियाणा मुख्यमंत्री, भाजपा सरकार के मंत्रीयों, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को हंसी में उड़ाने की बजाय गंभीरता दिखाकर चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट से इस व्हाटसअप संदेश की निष्पक्ष-स्वतंत्रत्र जांच करवाने की मांग करनी चाहिए : विद्रोही इतने गंभीर आरोपों की हंसी वहीं दल उड़ा सकता है जिसने धांधली की हो और अपनी धांधली की पोल न खुलने देकर ऐसे गंभीर आरोप को हास्यास्पद बताकर पतली गली से भागकर जांच से भागना चाहते हो : विद्रोही 22 नवम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 14 सीटों पर ईवीएम हैक करके भाजपा उम्मीदवारों को जीताया जायेगा, हरियाणा कांग्रेस प्रभारीे दीपक बाबरिया जी को 8 अक्टूबर को मिले इस व्हाटसअप संदेश की निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच करवाने की मांग की ताकि लोकतंत्र व जनादेश की पवित्रता पर कोई आंच न आये। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 उदयभान ने जो दीपक बाबरिया जी को 8 अक्टूबर को मिले व्हाटसअप संदेश को सार्वजनिक किया है, उसे हरियाणा मुख्यमंत्री, भाजपा सरकार के मंत्रीयों, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को हंसी में उड़ाने की बजाय गंभीरता दिखाकर चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट से इस व्हाटसअप संदेश की निष्पक्ष-स्वतंत्रत्र जांच करवाने की मांग करनी चाहिए। जांच की मांग की बजाय इस आरोप को हंसी में उड़ाने से लोकतंत्र में आस्था रखने वाले जागरूक नागरिकों के मन में भी संदेह पैदा हो रहा है कि भाजपा ने चुनाव आयोग व चुनाव से जुड़े अधिकारियों से मिलीभगत करके हरियाणा विधानसभा चुनाव धांधली से जीता है। विद्रोही ने कहा कि इतने गंभीर आरोपों की हंसी वहीं दल उड़ा सकता है जिसने धांधली की हो और अपनी धांधली की पोल न खुलने देकर ऐसे गंभीर आरोप को हास्यास्पद बताकर पतली गली से भागकर जांच से भागना चाहते हो, भाजपा यही रवैया अपना रही है। हरियाणा में कांग्रेस की बात तो छोडिये स्वयं भाजपा कार्यकर्ता भी निजी बातचीत व चर्चा में चिंतन-मनन करता है कि हारी हुई बाजी भाजपा कैसे जीत गई और कांग्रेस जीती हुई बाजी कैसे हार गई। वोटर बेशक इस मामले में मुखर न होकर चुप है, पर वह भी आश्चर्य में है कि भाजपा जीत कैसे गई? सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, आमजन सभी भाजपा की जीत पर आश्चर्यचकित है। विद्रोही ने कहा कि जनादेश कीे पवित्रता पर जब आमजन भी आशंका करने लगे तो वह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नही है। लोकतंत्र में जब जनादेश की विश्वसनियता व पवित्रता पर ही सवाल उठने लगे तो वह लोकतंत्र के खात्मे की शुरूआत होती है। भारत का लोकतंत्र भी धीरे-धीरे इसी दिशा में जा रहा है जो लोकतंत्र में आस्था रखने वाले सभी भारतीयों के लिए चिंता का विषय है। ऐसी स्थिति में विद्रोही नेे कहा कि लोकतंत्र, जनादेश की प्रतिष्ठा को कायम रखने के लिए चुनाव आयोग व न्यायालय को वह हर कदम उठाना चाहिए जिससे जनादेश पर किसी को भी शंका न हो। आमजन की नजरों में चुनाव आयोग ने खुद ही साबित कर दिया है कि वह भाजपा की कठपुतली बन गया है। ऐसीे स्थिति में सुप्रीम कोर्ट से अपेक्षा है कि वह जनादेश की पवित्रता पर शंका के बादलों को हटाये। हरियाणा विधानसभा चुनाव ईवीएम हैक करके जीतने के आरोपों की विस्तृत निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच अपनी निगरानी में करवाकर इसका सच सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट इसकी सार्थक पहल करे। Post navigation सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश तथा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज जेएस बेदी के पिता एच.एस.बेदी नहीं रहे कार्तिकेय शर्मा के जिला अम्बाला भाजपा सदस्यता अभियान का पर्यवेक्षक बनने पर सवाल ?