भारत सारथी

चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज: सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एस.बेदी का गुरुवार को 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा प्रसारित संदेश के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को चंडीगढ़ में किया जाएगा।

बार एसोसिएशन ने अपने सदस्यों को भेजे संदेश में कहा, “गहरे दुख के साथ सूचित किया जाता है कि माननीय न्यायमूर्ति एच.एस. बेदी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, बॉम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तथा इस उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति जसजीत सिंह बेदी के पिता का स्वर्गवास हो गया है।”
बता दें कि न्यायमूर्ति बेदी का जन्म 5 सितंबर 1946 को हुआ था। उनके पिता न्यायमूर्ति टिक्का जगजीत सिंह बेदी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। न्यायमूर्ति एचएस बेदी ने 17 जुलाई, 1972 को पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। वे 1983 से 1987 के बीच पंजाब राज्य में उप महाधिवक्ता भी रहे। उसके बाद 1987 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया तथा 1989 तक पंजाब में अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। वहीं उन्हें 1990 में पंजाब का महाधिवक्ता नियुक्त किया गया।

लगभग एक वर्ष बाद वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बनाए गए, इसके बाद 8 जुलाई, 1992 को स्थायी न्यायाधीश बने तथा बाद में 3 अक्टूबर, 2006 को उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
वहीं 12 जनवरी, 2007 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया क़रीब पांच वर्ष बाद वे 5 सितंबर, 2011 को सेवानिवृत्त हुए।

इसके बाद उन्हें 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात राज्य द्वारा गठित निगरानी प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया, ताकि कथित फर्जी मुठभेड़ों के सभी मामलों की जांच की जा सके।

बाद में एक रिपोर्ट में जस्टिस बेदी ने अपने द्वारा विचार किए गए 17 मामलों में से तीन की जांच करने का आह्वान किया।

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