गुडग़ांव। देश विचार “आपदा में राष्ट्रधर्म एवं राजधर्म” 02/05/2021 Rishi Prakash Kaushik भारत सारथी, ऋषिप्रकाश कौशिक ना जाने कैसे एक तानशाह विंस्टन चर्चिल, एक शायर इकबाल एक कवि प्रदीप और एक गीतकार साहिर लुधियानवी को भारत की आज की स्थिति का आभास…
दिल्ली देश नारनौल विचार केजरीवाल का जजों के बाद अब अधिकारियों व सरकारी बाबुओं के लिए वीआईपी इंतजाम 28/04/2021 Rishi Prakash Kaushik भेदभावपूर्ण, लोकतंत्र के लिए घातक और चमचारिगी पूर्ण पारित है ये आदेश: डॉ मिश्रावैसे तो हाईकोर्ट बड़ी-बड़ी बातें कहता है कि फांसी पर लटका देंगे, पर जब अपने परिवार वालों…
देश विचार हिसार राजधर्म , कुंभ और कोरोना ,,, 17/04/2021 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय राजधर्म के बारे में पुराने शास्त्रों में बहुत कुछ वर्णित है । यह आम बात पढ़ने को मिलती है कि राजा भेष बदल कर जनता के सुख दुख…
देश विचार हिसार आमार सोनार बांग्लादेश ,,,? 15/04/2021 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय पश्चिमी बंगाल में विधानसभा चुनाव को देखते विकास वहां चला गया है । बाकी सारे राज्य छोड़ दिये । असम नहीं गया , तमिलनाडु नहीं गया , कहीं…
देश नारनौल विचार नड्डा चिल्ला चिल्ला कर देश को सरदर्द दे रहे थे की मोदी ने 130 करोड़ भारतीयों को कोरोना से बचा लिया ? 13/04/2021 Rishi Prakash Kaushik अब क्या हुआ ? कोरोना ने ऐसा डंक मारा की पूरा देश सिर्फ त्राहिमाम बोलने लायक रह गया है। भाजपा में बकलोली की होड़, किसी में इतनी हिम्मत नही की…
देश विचार हिसार यू ट्यूबर्ज और रणनीतिकार,,,, 11/04/2021 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय पत्रकारिता में एक नयी पीढ़ी आई है । हिसार शहर का मेरा अपना अनुभव है । बाकी शहरों की आप जाने । पहले प्रेस वार्ता में जाते थे…
देश विचार हिसार फसल संभालने के दिन आए , लोकतंत्र की फसल कोई और न काट ले जाए 10/04/2021 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय गेहूं की फसल पक चुकी और कटाई भी जारी है । मंडियों में फसल आने लगी है । लोकतंत्र की फसल भी असम में पक चुकी है यानी…
देश नारनौल विचार राफ़ेल की उड़ान पर फिर सवाल 09/04/2021 Rishi Prakash Kaushik यही तो विधि का विधान है, कि “पाप” कभी छिप नहीं सकता ।सरकार इस भ्रष्टाचार के बारे में न कुछ सुनना चाहती है, न कहना चाहती है।एक याचिका को सुप्रीम…
देश विचार हिसार देखो, देखो , ईवीएम चली प्रत्याशी की गली 07/04/2021 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय कभी एक नाटक का शीर्षक था-अपहरण भाईचारे का । अब चुनाव का शीर्षक दे सकते हैं -अपहरण ईवीएम का । पहले जब ईवीएम नहीं थी तब दूरदराज के…
देश नारनौल विचार सूरज निकला, कमल भी खिला, पर अंधेरा नही छटा 07/04/2021 Rishi Prakash Kaushik जोड़तोड़ की राजनीति को खारिज करते हुए अटल ने कहा था कि भाजपा राजनीति में, राजनीतिक दलों में, राजनेताओं में, जनता के खोए हुए विश्वास को पुनः स्थापित करने के…