-कमलेश भारतीय गेहूं की फसल पक चुकी और कटाई भी जारी है । मंडियों में फसल आने लगी है । लोकतंत्र की फसल भी असम में पक चुकी है यानी विधानसभा चुनाव का मतदान संपन्न हो चुका है । असम में मतदान छह अप्रैल को समाप्त हो गया है और दो मई को चुनाव परिणाम आने वाले हैं । ऐसे में कांग्रेस भाजपा पर यह आरोप लगा कर कि चुनाव परिणाम से पूर्व ही यह पार्टी हमारे प्रत्याशियों को लुभाने लगी है, हमने अपने प्रत्याशियों को राजस्थान भेज दिया है । एक तरफ तो भाजपा असम में जीत का दावा कर रही है और दूसरी तरफ हमारे ही प्रत्याशियों पर डोरे डाल रही है । यदि अपनी जीत के प्रति भाजपा इतनी आश्वस्त है तो फिर यह डर्टी गेम क्यों खेल रही है? इस तरह चुनाव परिणामसे पहले ही विधायकों यानी संभावित विधायकों की खरीद फरोख्त शुरू हो गयी है । असम में मंडी समय से पहले ही खुल गयी । पहले कांग्रेस के एक प्रत्याशी को बीच चुनाव में ही भाजपा ज्वाइन करवा दी । यह है हमारा लोकतंत्र । हर समय बिकाऊ । चौबीस घंटे एटीएम खुला जब चाहे कैश ले लो । आधी रात को भी । महाराष्ट्र में आधी रात को ही तो सरकार बना डाली थी महामहिम राज्यपाल को जगा कर शपथ दिलवा दी थी देवेंद्र फडणबीस और अजीत पवार को । यह है होशियारी । गोवा में कांग्रेस बहुत का दावा करती उससे पहले ही भाजपा की सरकार का गठन हो गया था । यह है स्पार्टनेस । हमारा स्मार्ट लोकतंत्र । न्यू इंडिया का नया लोकतंत्र । हद है या हद से भी ऊपर है ?राजस्थान में अब ये संभावित विधायक छह अप्रैल तक या एक दिन पहले तक मेहमान रहेंगे । यह मणिपुर भी हो सकता है जहां सिर्फ दो भाजपा विधायकों के बल पर भाजपा ने सरकार बनाने का करिश्मा कर दिखाया था । ऐसे नेता हों तो सब मुमकिन है । पश्चिमी बंगाल में पहले ही कितने मंत्री और विधायक अपने पाले में ले आए । अब ममता को भी चाहिए कि अपने संभावित विधायकों को अशोक गहलोत को कह कर किसी रिसोर्ट में रखे । नहीं तो क्या पता वहां भी ऐसा ही ऑपरेशन लोट्स चलाया जाना वाला हो । हमें तो जीत चाहिए बस । वाई हुक और वाई क्रुक । यह तो लोकतंत्र नहीं । ऐसे तो एक दिन विद्रोह हो सकता है । निर्वाचन आयोग तक पर पक्षपात के आरोप लगने लगे हैं । भाजपा ने यूपी में दागी विधायक और सज़ा काट रहे सेंगर की पत्नी को टिकट देकर क्या संकेत दिया है ?चलो छोड़ो यार । आईपीएल शुरू हो गया और मुम्बई हार गयी । पहला मैच । वैसे अपना लोकतंत्र भी तो आईपीएल की तर्ज पर ही चल रहा है कि नहीं ? Post navigation कोरोना काल में नीयत पर सवाल पहली लहर कम क्यो हो गई थी ? वायरस कमज़ोर पड़ा था तो ये वायरस कब तक कमज़ोर होगा ?