-कमलेश भारतीय पश्चिमी बंगाल में विधानसभा चुनाव को देखते विकास वहां चला गया है । बाकी सारे राज्य छोड़ दिये । असम नहीं गया , तमिलनाडु नहीं गया , कहीं नहीं गया । विकास को पता चल गया कि साहब की मर्जी क्या है ? इसलिए वह दौड़ा दौड़ा पश्चिमी बंगाल पहुँच गया । आधे चरण का वह चुनाव हो चुका यानी आधा विकास तो हो चुका । आधा है बाकी । हम तो दिल दे ही चुके, बस तेरी हां है बाकी । यह विकास भी कमाल है । साहब के दिल की हर बात भांप जाता है और बिना कहे काम पे लग जाता है । कभी यह विकास म्हारे हरियाणा में बड़ा लोकप्रिय हुआ था जब एक नेता का इसी नाम का बेटा एक छोरी का चेहरा देखने उसके पीछे आधी रात को खाली सडकों पर कार दौड़ाने लगा । लड़की एक आईएएस की बेटी थी और रात की रात केस दर्ज करवाया और इस तरह विकास के चरण रूक गये । अभी यह विकास म्हारे विधानसभा क्षेत्र बरोदा में भी कुछ दिन रहा। फिर इसका यहां दिल न लगा । यह पश्चिमी बंगाल भाग गया। वैसे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी यह कहते हैं कि भाजपा हर राज्य को आमार सोनार बांग्ला देश की तरह बनाने और विकास करने के झूठे सपने दिखाती है । सारी नौकरियां और रोज़गार एक ही राज्य पर लुटा देती है । बाद में जनता ठगी हुई महसूस करती है । न किसी को पंद्रह लाख रुपये मिले आज तक और न ही नोटबंदी से लोग अमीर हुए । सब जगह धर्म, जात और भाषा के नाम पर बांटने का काम करती है । असम में भी यही हो रहा है , तमिलनाडु में भी यही खेला होवे । विकास सिर्फ पश्चिमी बंगाल ही पहुंचा क्योंकि दीदी को हराना है और विकास लाना है । यह भी आरोप लगाया राहुल बाबा ने कि भाजपा पश्चिमी बंगाल की संस्कृति और विरासत को मिटाने पर तुली है और इसे बांटना चाहती है । अरे यार पहले ही बांग्ला देश अलग हो चुका है । अब और कितना बांटोगे ? राजस्थान आते हैं तो चलो म्हारे देस का नारा लगाते हैं पर जो विधायक मानेसर ले गये थे उनका क्या हुआ ? उन्हें अपने देस में क्यों नहीं रखा ? गोवा में कब खेला कर दिया था ? अब असम का नया खेला कैसा है ? बिना विधायक बने ही दिल लुभावन ऑफर ? कमाल है यार । क्या रणनीति है । जहां से आप सोचना शुरू करते हैं, वहां से तो दुनिया बदल चुकी होती है । नये चाणक्य और नयी रणनीतियां दिन प्रतिदिन ।आपकी सोच से कहीं आगे । क्या पश्चिमी बंगाल को विकास पर भरोसा आयेगा ? क्या इतनी हिंसा के बाद कोई खूबसूरत पेंटिंग बनाने में ममता बनर्जी को सफलता मिलेगी ? क्या सितारों भरी भाजपा लुभा पायेगी जनता को ? क्या हिंसा का दौर खत्म होगा ? क्या ये संवेदनाएं दिल से हैं या राजनीति का चूल्हा जलाने के लिए हैं ? यह विकास और हिंसा एक साथ क्या कर रहे हैं पश्चिमी बंगाल में? Post navigation तिरंगा आसमान में लहराहते रहे संविधान की मूल भावनाओं का आदर बना रहे। यूपी सरकार से दुखी लखनऊ के व्यापारियों ने खुद ही लॉकडाउन लागू किया।