किसानों को मिल रहा है सिंचाई का भरपूर फायदा, लहलहा रहे हैं खेत चरखी दादरी जयवीर फोगाट 5 जुलाई – सोलर एनर्जी सीमित होते जा रहे ऊर्जा के परपंरागत स्त्रोत की स्थिति में पावर जनरेट करने का सबसे सशक्त माध्यम उभर कर सामने आया है। सौर ऊर्जा ने सैंकड़ों घरों को बिजली से तो रोशन किया ही है, खेतों में भी सोलर वाटर पंप से हरियाली लाकर किसानों की तकदीर बदल दी है। सौर ऊर्जा इन दिनों बिजली उपकरणों को चलाने के लिए एक बेहतर विकल्प बनी हुई है। दादरी जिला में पिछले कुछ वर्षों के दौरान सौर उपकरणों का प्रयोग तेजी से बढ़ा है। बिजली वितरण निगम के भरसक प्रयासों के बावजूद लोगों की डिमांड पावरग्रिड से पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में सोलर इनवर्टर आम घरों में अनवरत बखूबी काम कर रहे हैं। रात के समय गांवों और शहरों की गलियों में सोलर लाईटें जगमगाते हुए रोशनी बिखेर रही हैं। हरियाणा राज्य ऊर्जा विकास एंजेंसी हरेडा सोलर उपकरण जैसे सोलर वाटर पंप, सोलर होम लाईट, सोलर इनवर्टर आदि 75 प्रतिशत तक अनुदान पर नागरिकों को मुहैया करवा रही है। जिला के हजारों लोग इन सोलर उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बिजली के नलकूप की बजाय सोलर वाटर पंप किसानों का सिंचाई का सहारा बने हुए हैं। दादरी के अतिरिक्त उपायुक्त वीरेंद्र लाठर ने बताया कि अक्षय ऊर्जा विभाग ने वर्ष 2020-21 के लिए 455 सोलर वाटर पंप आवंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके एवज में 650 सोलर वाटर पंप के आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं और इनकी स्थापना का कार्य किया जा रहा है। सोलर वाटर पंप खेत में पानी की जरूरत के अनुसार खरीदे जाते हैं। तीन एचपी से दस एचपी तक के ये वाटर पंप 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ किसानों को दिए जा रहे हैं। लाभपात्र के लिए इसकी राशि चालीस हजार रूपए से लेकर एक लाख दस हजार रूपए तक है। जबकि वास्तविक खर्च इन पर एक लाख साठ हजार से लगभग पांच लाख रूपए तक का आता है। अक्षय ऊर्जा विभाग के परियोजना अधिकारी सुभाष सैनी ने बताया कि सोलर उपकरणों के प्रति लोगों का रूझान बढ़ता जा रहा है। हरेडा की अधिकृत एंजेंसी जिला के गांवों में सोलर वाटर पंप लगाने का काम कर रही है। गांव पिचौपा खुर्द के किसान रामअवतार शर्मा, गांव भांडवा के राजकुमार, गांव हुई के विरेंद्र, गांव जगरामबास के कृष्ण एवं वेदपाल ने बताया कि सोलर वाटर पंप ने उनके खेतों की तस्वीर बदल दी है। अब सिंचाई के लिए पानी दिन के समय हर वक्त उपलब्ध है। ये सोलर वाटरपंप व इनवर्टर बिजली की बचत और खपत को कम रखने का भी एक सशक्त माध्यम बन चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों की पैदावार और हरियाली अपने पूरे चरम पर है। किसान अब पानी के लिए बिजली की सप्लाई पर निर्भर नहीं है। सोलर उपकरणों का प्रयोग इतना बढ़ गया है कि बाजार मेें प्राइवेट कंपनियां भी इस कारोबार में अपने पांव पसार रही हैं। Post navigation गांव ढ़ाणी फौगाट से किसानों का जत्था टिकरी बॉर्डर पर खाद्य सामग्री के साथ पहुंचा नई नहरी परियोजनाएं इलाके की बदलेगी तस्वीर टेल तक मिलेगा किसानों को पानी