कितलाना टोल पर 177वें दिन उड़न सिख मिल्खा सिंह के निधन पर जताई सवेंदना

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

9 जून, केंद्र की मोदी और हरियाणा की मनोहर- दुष्यंत सरकार बार बार किसान आंदोलन को बदनाम करने का षडयंत्र रच रही है वो इससे बाज आएं वर्ना इसके गंभीर परिणाम होंगे। यह चेतावनी जाटू खाप के सचिव मास्टर राज सिंह ने कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन 500 शहादत होने के बावजूद बेहद शांतिपूर्ण तरीके से अपने पथ पर अग्रसर है। उसके बाद भी सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं दिखाई दे रही अलबत्ता किसान आंदोलन पर ऊंगली उठाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही।              

उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर इन काले कानूनों की असलियत समझ गए हैं। इसलिए एकजुटता से इन कानूनों के दुष्प्रभावों के खिलाफ जनांदोलन चला इन्हें रद्द करने की मांग जोरशोर से उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी मंडी खत्म होने से मजदूरी पर कड़ी चोट होगी और गरीब व मध्यम वर्ग को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मिलने वाला सस्ता अनाज बंद हो जाएगा।           

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल के अनिश्चितकालीन धरने के 177वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप मास्टर राजसिंह, धर्मबीर समसपुर, गंगाराम श्योराण, किसान सभा के प्रताप सिंहमार, सुभाष यादव, कमल सांगवान, संतरा, रतन्नी डोहकी, प्रेम शर्मा कितलाना ने संयुक्त रुप से अध्यक्षता की। उन्होंने प्रसिद्ध धावक उड़न सिख मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी निर्मल कौर के निधन पर संवेदना जताते हुए कहा कि दोनों के आकस्मिक निधन से भारतीय खेल जगत ही नहीं आम भारतीय को बेहद धक्का पहुंचा है। दोनों अपने समय के उत्कृष्ट खिलाड़ी थे।         

 धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, राजू मान, प्रोफेसर जगमिंद्र, बलबीर बजाड़, हरबीर सांगवान, रणधीर कुंगड़, मीरसिंह, मौजीराम, रोहताश पहलवान, दिलबाग ढुल, सुखदेव पालवास, धर्मेन्द्र छपार, परमजीत फतेहगढ़, सूबेदार सतबीर सिंह, होशियार सिंह पहलवान, दलबीर सिंह छपार, मंगल सुई, शमशेर सांगवान, चन्द्र चमार, जयपाल जांगड़ा, रामानंद धानक, ओमप्रकाश सोनी, राजबाला, सिलोचना, सावित्री, डॉ राजू, सब्बीर हुसैन इत्यादि मौजूद थे।

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