कितलाना टोल पर धरने के 165वें दिन किसानों ने की सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी चरखी दादरी जयवीर फोगाट 07 जून, हरियाणा सरकार किसानों पर मुकदमे बनाकर ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है लेकिन हम किसी प्रकार की ढील नहीं देंगे और किसान- मजदूरों का पूरा ध्यान दिल्ली बॉर्डर पर छह महीने से अधिक समय से चल रहे धरने को मजबूती देने का रहेगा। इस बात का ऐलान चिड़िया पचगामा खाप के प्रधान राजबीर शास्त्री ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को गुमराह करने के लिए सरकार कई तरह के हथकंडे अपना रही है जिससे सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस सबसे अहम जरूरत सरकार के मंसूबों को जानकर उसमें उलझने की बजाए आंदोलन को धार देने की है। उन्होंने कहा कि तीन काले कानून बनाने के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेदार है और हरियाणा की गठबंधन सरकार उस पाप में बराबर की भागीदार है। उन्होंने कहा कि हमें इनके किसी झांसे में नहीं आना है। उन्होंने कहा कि हर परिवार से एक आदमी दिल्ली बॉर्डर के धरने पर जाए और बाकी लोग अपने पास के टोल पर चल रहे धरनों में शिरकत करें ताकि केंद्र और हरियाणा सरकार पर दबाव बनाया जा सके। कितलाना टोल पर धरने के 165वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप उन्नीस के प्रवक्ता शमशेर फौगाट, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रामफल देशवाल, चिड़िया पचगामा राजबीर शास्त्री, मास्टर राजसिंह, मीरसिंह नीमड़ीवाली, बलबीर बजाड़, सुखदेव पालवास, निर्मला पांडवान, प्रेम शर्मा ने संयुक्त रुप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान- मजदूरों की एकजुटता के चलते सरकार को झुकना पड़ा और टोहाना में बंदी किसानों को छोड़ना पड़ा। यही वजह रही कि थानों के घेराव का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। इस बीच किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान सांगवान, गंगाराम श्योराण, सुरेन्द्र कुब्जानगर, सन्तोष देशवाल, सुन्दर ठेकेदार, महासिंह ठेकेदार,शमशेर सांगवान, जयपाल जांगड़ा, सुबेदार सतबीर सिंह, बबलू मानकावास, सोमबीर जोगी, राजकुमार हड़ौदी, संजय सरपंच चिड़िया, दिलबाग ढुल, धर्मेन्द्र छ्पार, सुमन पाण्डवान, रणधीर कुंगड़, कंवरशेर चन्देनी, कप्तान रामफल डोहकी, सत्यवान कालूवाला इत्यादि मौजूद थे। Post navigation 7 जून को होगा थानों का घेराव…..किसानों की गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों का दबाव ला रहा है रंग, धीरे धीरे खुल रही सरकार की आंखें