– प्रधानमंत्री बाबा साहेब के दिखाए मार्ग पर चलकर सशक्त भारत का कर रहे निर्माण

– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने हिसार में बाबा साहेब  डॉ. भीमराव राव अंबेडकर की 135वीं  जयंती पर  श्रद्धांजलि अर्पित की

– देश भर में संविधान दिवस की 75 वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलेंगे कार्यक्रम

चंडीगढ़,14 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को हिसार में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 135 वी जयंती के अवसर पर लघु सचिवालय परिसर में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए नमन किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन प्रदेश के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए सौभाग्यशाली दिन है जो हम बाबा साहेब के दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए उनके सपने को साकार करने में भागीदार बन रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब भारतीय संविधान के प्रख्यात शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे। बाबा साहेब ने हमेशा भारत देश के ग़रीबों, शोषितों एवं वंचितों के उत्थान और कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित किया। उन्होंने पूरे भारत को संविधान सूत्र से जोड़कर देश की एकता और अखंडता को नई मज़बूती प्रदान की। भारत देश उनके इस अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब के आदर्शों पर चलते हुए भारत के 2047 विजन पर केंद्रित होकर विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है जिसे सभी मिलकर पूरा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा देश भर में संविधान के अंगीकृत करने की 75 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है,जिसके चलते वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराते हुए संविधान के प्रति आमजन को जागरूक किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद करते हुए कहा कि समाज के वंचित और शोषित वर्ग के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले बाबा साहेब समाज के प्रेरणास्त्रोत हैं। बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने जीवनभर समाज के उत्थान, विशेषकर दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। बाबा साहेब भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। उन्होंने एक समतामूलक, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक संविधान का निर्माण किया जो देश में सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। उन्होंने छुआछूत और जातिगत भेदभाव के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि ‘समानता का अधिकार’ और ‘अस्पृश्यता का उन्मूलन’ संविधान में शामिल करने का श्रेय भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर को जाता है। बाबा साहेब ने खुद अनेक बाधाओं के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त की और दूसरों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया। डॉ बी.आर अम्बेडकर सभा हिसार के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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