दो साल से अटकी एससी/बीसी छात्रों को मिलने वाली स्टाईफंड और प्रोत्साहन राशि : सुनीता वर्मा

एससी/बीसी हितैषी होने का ढोंग करने वाली बीजेपी इनके बच्चों को दो सालों से नही दे रही, वर्दी, स्टाईफंड और प्रोत्साहन राशि के पैसे : सुनीता वर्मा
कहा – खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में 17 करोड़ 16 लाख से 43 करोड़ तक का छात्रवृति घोटाला स्टेट विजिलेंस की जांच में उजागर हुआ था, कहीं सरकार की दूसरी पारी में ये इसी घोटाले का संभावित दूसरा एपिसोड तो नही?

26/7/2023 :- ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देने वाली ये बीजेपी सरकार प्रदेश में वंचित तबकों के बच्चों की वर्दी, शिक्षा, स्टाईफंड और प्रोत्साहन पर खर्च होने वाली राशि को पिछले दो सालों से बच्चों के खातों में न डाल कर उसमें गड़बड़झाला कर रही है और ऐसा करके ये इन वर्गों के बच्चों की शिक्षा का अधिकार खत्म करने में जुटी हुई है।’ उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही, उन्होंने कहा कि अजीब विडंबना है की कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे इसके लिए सरकार ये राशि कक्षा पहली से बारहवीं में पढ़ने वाले एससी/बीसी के बच्चों को देती है, लेकिन ये राशि पिछले दो सालों से इन्हें नही दे रही, इस हालत में गरीब और वंचित तबके के बच्चे और अभिभावक क्या करें?, बड़ा सवाल ये भी है की आखिर ये राशि खर्च कहां हो रही है?

महिला कांग्रेस नेत्री ने अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधियों से सवाल किया कि वो इस मुद्दे पर खामोश क्यों हैं, वो इस मामले को सदन में अथवा मीडिया में उठा क्यों नही रहे, क्या कोई डर अथवा दबाव उन्हें खामोश किए हुए है या फिर इनके खुद के हित समाज के हितों की प्राथमिकताओं से बड़े हो गए? उन्होंने कहा कि इनके द्वारा इन छात्रों को दी जाने वाली प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति स्कीम तक को खत्म कर दिया गया है, क्योंकि बीजेपी इन वर्गों से घिनौना दुराग्रह रखती है जिसकी वजह से ये ऐसा करके इन्हें शिक्षा से वंचित करके इन्हें सिर्फ मजदूर बनाए रखना चाहती है।

श्रीमती वर्मा ने इस बारे किसी बड़े घोटाले की संभावना जताते हुए कहा कि इस खट्टर सरकार में पूर्व में भी कई करोड़ों के स्टाईफंड घोटाले हुए हैं, कहीं उसी तर्ज पर फिर से ये कोई बड़ा फ्रॉड तो नही जो की बच्चों का स्टाईफंड तक उन्हें नही दिया जा रहा? उन्होंने कहा कि दलित हितैषी होने का जुमलोंभरा ढिंढोरा पीट कर इन वर्गों के लोगों के हितैषी होने का दम भरने वाली ये सरकार राजनीतिक दुर्भावनाओं की वजह से इन्हें स्टाईफंड और प्रोत्साहन राशि तक इन्हें नही देती, नतीजतन गरीब, पिछड़े और वंचित तबके के बच्चों को अपनी शिक्षा की जरूरतें पूरी करने के लिए इस राशि का लाभ नहीं मिल पाता जिसकी वजह से ये बच्चे हर क्षेत्र में पिछड़ जाते हैं।

वर्मा ने सरकार से अपील करते हुए कहा की इन बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रखवाने के लिए इनका सारा बकाया सहित स्टाईफंड जल्दी से जल्दी इनके बैंक खातों में डाला जाए ताकि इनके हितों पर कोई कुठाराघात न हो।

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