चण्डीगढ़, 9 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) और हरियाणा उच्च न्यायिक सेवा संशोधित वेतन नियम 2023 में संशोधन के संबंध में स्वीकृति प्रदान की गई। न्यायिक अधिकारियों का वर्गीकरण सिविल जज (जूनियर डिवीजन) (प्रवेश स्तर) J1, सिविल जज (जूनियर डिविजन) एसीपी-I J2, सिविल जज (जूनियर डिविजन) एसीपी-II जे3, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) (प्रवेश स्तर) J3,            

सिविल जज (सीनियर डिवीजन) एसीपी-I J4, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) एसीपी-II J5, जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) J5, जिला न्यायाधीश (प्रवरण ग्रेड) J6 तथा जिला न्यायाधीश (सुपर टाइम स्केल) J7 स्तरों पर क्षैतिज सीमा में परिलक्षित कार्यात्मक पदानुक्रम में उनकी स्थिति पर आधारित रहेगा।           

J-6 और J-7 को छोड़कर प्रत्येक रैंक के अधिकारी के लिए प्रारंभिक वेतन प्रत्येक रैंक के मौजूदा प्रवेश वेतन का लगभग 2.81 गुना है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान वृद्धि के अनुपात में है। इसी प्रकार J-1 से J-7 तक स्तर पर नए भर्ती/नियुक्तियों के लिए प्रवेश वेतन दर्शाती है।           

वेतन वृद्धि की तिथि तथा मौजूदा प्रणाली में कोई बदलाव नहीं होगा यानी वेतन वृद्धि वर्ष में एक बार नियुक्ति या पदोन्नति या वित्तीय उन्नयन की तिथि के अनुसार होगी। नए पे मैट्रिक्स में सभी रैंकों / ग्रेड के न्यायिक अधिकारियों का वेतन 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगा।  पहले से भुगतान की गई अंतरिम राहत को समायोजित करने के बाद 1 जनवरी, 2016 से बकाया वेतन का भुगतान कैलेंडर वर्ष, 2023 के दौरान किया जाएगा।           

यदि किसी कारण से एसीपी देने में एक वर्ष से अधिक का समय हो जाता है, तो एसीपी के अनुदान पर बकाया प्रदान करते समय समायोजन के अधीन प्रत्येक वर्ष की देरी के लिए एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि (increment) दी जाएगी।

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