औद्योगिक कॉलोनी के विकास के लिए लाइसेंस प्रदान करने संबंधी नीति में संशोधन के संबंध में स्वीकृति

चण्डीगढ़, 9 मई-  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें उद्यम प्रोत्साहन नीति 2015 के दृष्टिगत औद्योगिक/कृषि क्षेत्र में औद्योगिक कॉलोनी के विकास के लिए लाइसेंस प्रदान करने संबंधी नीति में संशोधन के संबंध में स्वीकृति प्रदान की  गई।           

क्योंकि वर्तमान में सामुदायिक सुविधाओं के लिए किफायती औद्योगिक आवास घटक के 10% क्षेत्र को उपलब्ध कराने का प्रावधान है। हालांकि इस सुविधा का निर्माण कॉलोनाइजर द्वारा किया जाना आवश्यक है। इसमें संशोधन किया गया है, जिससे अब डेवेलपर सामुदायिक स्थलों को तृतीय पक्ष द्वारा विकसित करवा सकते हैं। यह पाया गया है कि अस्पतालों और स्कूलों का डिज़ाइन व विकास के लिए विशेष एजेंसियों की आवश्यकता है।           

इसके अलावा, ‘कॉलोनी एरिया स्लैब्स’ के विरुद्ध विभिन्न नियोजन मानदंड निर्धारित किए गए हैं। ‘कॉलोनी एरिया स्लैब्स’ के विरुद्ध अधिकतम आवासीय घटक को भी संशोधित कर 25 एकड़ तक 20%, 25-100 एकड़ तक  25% और 100 एकड़ से अधिक तक 30% करने की अनुमति दी गई है। सरकार द्वारा ‘कॉलोनी एरिया स्लैब’ को कम करने के कारणों की जानकारी देते हुए बताया कि भूमि की कीमतों में क्रमिक वृद्धि के कारण औद्योगिक कालोनियों के विकास के लिए बड़ी मात्रा में भूमि संचय करने में कठिनाई आ रही है। पिछले एक दशक में 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए लाइसेंस प्राप्त और विकसित औद्योगिक कॉलोनियों के केवल दो उदाहरण सामने आए हैं। अनाधिकृत कॉलोनाइजेशन पर अंकुश लगाने के लिए  ‘कॉलोनी एरिया स्लैब’ को कम करने का निर्णय लिया गया है।           

आज की मंत्रिपरिषद में किये गए संशोधन का उद्देश्य औद्योगिक कॉलोनियों की व्यवहार्यता और स्थिरता को बढ़ावा देना है।

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