कुछ अपने मन की कह लूं ?

कम से कम दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं पदक विजेता पहलवानों की ओर भी देखते और कुछ कहते कि कैसे इन बेटियों को सम्मान दिया जाये ! ये बेटियों पदक विजेता स्टैंड से उतरकर फुटपाथ पर क्यों आ गयी हैं ?
सेल्फी विद डाॅटर नहीं लोगे क्या जंतर-मंतर पर बैठीं बेटियों के साथ ? ये आपकी लाडली गोल्डन गर्ल हैं !

-कमलेश भारतीय

क्या हम मन की बात के ऐतिहासिक दिन को भूल सकते हैं ? कितने कितने केंद्र बनाये गये इस मन की बात को सुनने के लिये ? कोई गिनती नहीं । यह मन की बात का सौवां सफल एपिसोड जो था और इसकी सफलता तो रिकॉर्ड तोड़ होनी ही चाहिए थी । वैसे ही जैसे चायवाला कहे जाने के जवाब में देश भर में नमो टी स्टाल खुल गये थे । हालांकि अब इन पर धूल जमने लगी है और इनके साइनबोर्ड भी बेरंग होने लगे हैं ! अच्छे दिनों के इंतजार में चेहरों पर उदासी ही छाने लगी है । चेहरे मुरझाने लगे हैं । जैसे दुष्यंत कुमार कहते थे-गाते गाते लोग चिल्लाने लगे हैं ।

यह मन की बात भी कमाल है । अपने ही मन की कहो और अपने ही मन की करो ! इधर तो कर्नाटक के चुनाव और उधर गालियों का हिसाब ! अभी तक 91 गालियां दी जा चुकी हैं । शतक लगने का इंतजार है बड़ी बेसब्री से और कुछ लोग कहते भी हैं कि जब तक कांग्रेस हमारे नेता को गाली देती रहेगी तब तक हमारे नेता की लोकप्रियता आसमान छूती रहेगी । ऊपर वाला कांग्रेसियों को जल्द ही सद्बुद्धि दे ताकि वे बची हुई नौ गालियां बता दें ताकि शतक पूरा हो सके और कर्नाटक जीत सकें ! किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि कर्नाटक का मतलब कर नाटक और आपके नेता जी नाटक करने में सबसे आगे हैं ! फिर वह चाय बेचने की बात हो या फिर गालियां देने की बात हो ! वे इन सबको कैसे इमोशनल ड्रामे में बदल सकते हैं , यह अपनेआप में एक कला है ! बड़े बड़े अभिनेता इनके आगे पानी भरते नजर आते हैं ! सदी के महानायक भी इनके आगे नतमस्तक यूं ही नहीं हुए ! खिलाड़ियों का खिलाड़ी भी इनके गुण गाता है !

वैसे अपने मन की कहूं तो कम से कम दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं पदक विजेता पहलवानों की ओर भी देखते और कुछ कहते कि कैसे इन बेटियों को सम्मान दिया जाये ! ये बेटियों पदक विजेता स्टैंड से उतरकर फुटपाथ पर क्यों आ गयी हैं ? ये बेटियों जिनके पदक जीतने पर आपने इन्हें देश का गौरव कहा , अभिमान कहा उन्हीं बेटियों को नहीं पूछोगे या इनके मन की बात नहीं सुनने जाओगे ? जो जा रहे हैं, उन पर आप राजनीति करने के आरोप लगा रहे हैं ! विपक्ष पर इन्हे उकसाने का आरोप लगा रहे हैं । सेल्फी विद डाॅटर नहीं लोगे क्या जंतर-मंतर पर बैठीं बेटियों के साथ ? ये आपकी लाडली गोल्डन गर्ल हैं ! जो देश में चल रहा है , उसकी बात क्यों नहीं करते ? अपने ही अपने मन की ही क्यों करते हैं ? दूसरों के मन की व्यथा भी तो सुनिये और कुछ हल कीजिए । हरियाणा में महिला कोच के मामले को अनदेखा क्यों किया जा रहा है ? वह किसी की बेटी नहीं ? इसी देश की बेटी है । जिन बेटियों पर दंगल फिल्म बनी और देश में महिला पहलवानों की चर्चा चली , आज वह फिल्मकार भी खामोश क्यों ? सानिया मिर्जा ने दिल की सुनो और दिल की कही ! पी टी उषा ने न दिल की सुनी और न दिल की कही ! लडकियों ने जरूर अपने आंचल को परचम बना लिया है ! शायद उन्हे समझ आ गया कि उनकी लड़ाई कोई नहीं लड़ेगा , उन्हें खुद ही यह परचम लहराना पड़ेगा ! अभी समय है । सुन लीजिये इनके मन की बात !

-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।9416047075

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