ग्रामीण विकास में खुले मन से भागीदार बने ग्राम संरक्षक अधिकारी : अनुराग रस्तोगी

 अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं गुरूग्राम के प्रशासकीय सचिव अनुराग रस्तोगी ने जिला में ग्राम संरक्षक योजना की प्रगति की समीक्षा
– डीसी निशांत कुमार यादव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को कराया योजना की प्रगति से अवगत और दिए आवश्यक सुझाव

गुरूग्राम, 02 मई। हरियाणा में वित्त एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) तथा गुरूग्राम जिला के प्रशासकीय सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि हरियाणा सरकार की ग्राम संरक्षक योजना के तहत प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को स्वयं द्वारा गोद लिए गांव का महीने में कम से कम एक बार दौरा अवश्य करना चाहिए। साथ ही ग्रामीण विकास से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा रिपोर्ट भी पोर्टल पर अपडेट करनी चाहिए।

उन्होंने यह बात मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में ग्राम संरक्षक योजना की जिला में प्रगति की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कही। डीसी निशांत कुमार यादव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव का गुरूग्राम में पहुंचने पर स्वागत किया और योजना की प्रगति से अवगत कराया।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि ग्राम संरक्षक योजना से जुड़े अधिकारियों को खुले मन से ग्रामीण विकास से जुड़ी गतिविधियों में भागीदारी करनी चाहिए। गांव में जाकर सबसे पहले व्यायामशाला, आंगनवाड़ी केंद्र, शिवधाम, सरकारी स्कूल व परिवार पहचान पत्र की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के मंत्र का पालन करते हुए इस योजना का शुभारंभ किया है। प्रदेश सरकार राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के अलावा लोगों की सुख-समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्रदेश के सभी प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को स्वयं द्वारा गोद लिए गांव में विकास के लिए कार्यान्वित परियोजनाओं की समीक्षा करने के साथ ही गांव में विकास से जुड़ी परियोजना में आ रही बाधाओं को भी दूर करना होगा। जो भी अधिकारी गांव का दौरा करें तो पहले बीडीपीओ कार्यालय से भी संपर्क करें ताकि गांव से जुड़े ग्राम सचिव व अन्य कर्मियों को मौजूदगी के निर्देश दिए जा सके। साथ ही परिवार पहचान पत्र में आय सत्यापन को लेकर सरकार के निर्धारित मानकों का पालन किया जाए। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी और विभिन्न विषयों को लेकर आवश्यक निर्देश भी दिए।

डीसी निशांत कुमार यादव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को योजना से संबंधित आवश्यक सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना की रिपोर्ट को लेकर एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट भी होना चाहिए ताकि डेटा कंपाइलिंग में आसानी हो सके। साथ ही इस योजना के लिए सब डिविजन लेवल पर भी एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में 157 ग्राम पंचायतों के लिए 166 अधिकारियों को संरक्षक बनाया गया है। वहीं एडीसी हितेश कुमार मीणा ने ग्राम संरक्षक योजना की प्रगति के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पीपीटी प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया।  

इस अवसर पर सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह, डीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र विज, डीसीपी क्राइम विजय प्रताप, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, एडिशनल लेबर कमिश्नर कुशल कटारिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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