चरखी दादरी जयवीर फौगाट,

24 नवंबर, किसान आंदोलन के दो साल पूरे होने के बाद भी एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के चलते इलाके की खापें एकजुट हो फिर से सक्रिय हो गई हैं। आज स्वामी दयाल धाम पर आयोजित एक विशेष बैठक में विभिन्न खापों, सामाजिक और किसान संगठनों ने 28 नवंबर को सुबह 11 बजे सभी लंबित मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने का फैसला लिया।

इस मौके पर फौगाट खाप 19 के प्रधान बलवंत नंबरदार ने कहा कि तीन काले कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने भले ही तीन कृषि कानून वापिस ले लिए हों लेकिन एमएसपी को कानूनी दर्जा अभी तक देना बाकी है। इसको लेकर जिस कमेटी का गठन केंद्र सरकार ने किया है उससे भी किसान वर्ग में भारी असंतोष है। सांगवान खाप 40 के सचिव नरसिंह डीपीई ने कहा कि आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों को केंद्र सरकार ने अभी तक कोई आर्थिक मदद नहीं दी है।

श्योराण खाप 25 से किसान नेता राजू मान ने कहा कि किसान आंदोलन में इलाके की खापों ने बढ़चढ़कर भाग लिया था और केंद्र सरकार को तीन काले कानून वापिस लेने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की बकाया मांगों को जल्द पूरा करना चाहिये। किसान सभा के जिला प्रधान रणधीर कुंगड़ ने कहा कि सरकार को किसानों की अनदेखी भारी पड़ेगी।

इस अवसर पर फौगाट खाप के सचिव सुरेश फौगाट, अन्नदाता यूनियन के रामकुमार कादयान, सुनील पहलवान, चिड़िया खाप से संत कुमार, डॉ रामफल, धर्मपाल महराणा, शमशेर खातीवास, सुरेंद्र पूर्व सरपंच कुब्जानगर, सतगामा खाप से जगबीर प्रधान, रामसिंह बलकरा, राजबीर टिकान, एडवोकेट गिरेंद्र फौगाट, धर्मेन्द्र फौगाट, उदयवीर, नत्थूराम, सीताराम, सुरेश सांगवान, त्रिलोक सरपंच निमली, डॉ अमित, महिपाल, बलबीर, प्रेम थानेदार, मास्टर कर्ण सिंह, महेंद्र सिंह समेत अनेक गणमान्य मौजूद थे।

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