मनोहर सरकार में हरियाणा बना खेलों का हब

सरकार की खेल नीति की देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही सराहना

बचपन से ही बच्चों में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए राज्य सरकार स्थापित कर रही खेल नर्सरियां

ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में हरियाणा के खिलाड़ी ला रहे सर्वाधिक पदक

चंडीगढ़, 23 सितंबर – कृषि प्रधान राज्य की पहचान से खेलों का सिरमौर बनने तक का हरियाणा का सफर कई मायनों में उल्लेखनीय रहा है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश में खेलों का एक ऐसा माहौल तैयार हुआ है कि आज हरियाणा का दूसरा नाम ‘मेडल की खान’ बन चुका है। प्रदेश के खिलाड़ी लगातार ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक जीत कर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।

हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई नई खेल नीति व आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बदौलत प्रदेश के खिलाड़ी हरियाणा का नाम विश्वपटल पर चमका रहे हैं। अनेक मौकों पर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा सरकार द्वारा खेलों को प्रोत्साहन देने के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की है।

हरियाणा सरकार की खेलों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने सरदार संदीप सिंह, जो भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं, को राज्य का खेल मंत्री बनाया है ताकि खेलों पर विशेष ध्यान देकर उम्दा खिलाड़ी तैयार किए जा सकें।

आज हरियाणा खेल क्षेत्र में अपनी एक अनूठी पहचान बना चुका है। इसी के फलस्वरुप हाल ही में पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 का सफल आयोजन कर हरियाणा ने एक सफल आयोजनकर्ता के रूप में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

बचपन से ही बच्चों में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए राज्य सरकार स्थापित कर रही खेल नर्सरियां

हरियाणा सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर बच्चों में खेल संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से राज्य में खेल नर्सरियां स्थापित की जा रही हैं। इस कड़ी में प्रदेश में 1100 खेल नर्सरियां चलाई जाएंगी। 500 नर्सरियां विभागीय प्रशिक्षण केन्द्रों पर तथा 600 खेल नर्सरियां सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थानों, निजी खेल अकेडमियों, निजी खेल प्रशिक्षण केन्द्र में स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। मोरनी में मिल्खा सिंह साहसिक खेल एकेडमी भी स्थापित की गई है।

इसके अलावा, प्रत्येक गांव में एक-एक युवा कल्ब स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। राज्य मे अब तक 4912 गांवों में युवा क्लबों का गठन किया गया है। इतना ही नहीं, राज्य में चार अनुसूचित खिलाड़ी खेल छात्रावास स्थापित किए जा रहे हैं। अम्बाला मे खेल छात्रावास का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है तथा हिसार, सिरसा तथा फतेहाबाद में खेल छात्रावास के निर्माण का कार्य चल रहा है।

हरियाणा दे रहा है खिलाड़ियों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार

वर्तमान राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए विजेता खिलाड़ियों को सर्वाधिक पुरस्कार राशि दी जा रही है। ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण विजेता को 6 करोड़ रुपये,  रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेता को 2.50 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।

पैरालम्पिक खिलाड़ियों को भी ओलम्पिक पदक विजेताओं की तर्ज पर तथा प्रतिभागिता करने पर सामान्य खिलाड़ियों की भांति समान नकद पुरस्कार प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, प्रत्येक प्रतिभागी खिलाड़ी को 15 लाख रुपये देने का भी प्रावधान किया गया है।

ओलम्पिक खेलों हेतू चुने गए हरियाणा के खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार राशि में से प्रशिक्षण तथा खुराक हेतू अग्रिम 5 लाख रुपये देने का प्रावधान भी प्रदेश सरकार द्वारा किया गया ताकि कोई भी खिलाडी़ प्रशिक्षण से वंचित न रहे।

प्रशिक्षण के साथ-साथ खिलाड़ियों की खुराक में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे इसलिए, खिलाडियों की खुराक राशि को भी 150 रुपये से बढाकर 400 रुपये प्रति खिलाडी प्रतिदिन कर दी है।

हरियाणा सरकार की खेल नीति खिलाडियों को प्रोत्साहित करने, अधिकतम नकद पुरस्कार प्रदान करने तथा नौकरी में आरक्षण आदि सुविधाओं के कारण पूरे देश में उत्तम है।

अवार्डीज के मानदेय को 5000 रुपये मासिक से बढ़ाकर किया 20,000

हरियाणा सरकार द्वारा अर्जुन, द्रोणाचार्य, तथा ध्यानचंद अवार्डीज के मानदेय को 5000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये मासिक किया गया है। तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार विजेताओं को 20,000 रुपये व भीम अवार्ड विजेताओं को 5000 रुपये मासिक मानदेय देने की शुरुआत की गई है।

ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में हरियाणा के खिलाड़ी ला रहे सर्वाधिक पदक

खेल हरियाणा की संस्कृति में ही रचे-बसे हैं, इसलिए यहां के खिलाड़ियों ने देशा में देश हरियाणा-जित दूध दही का खाणा की कहावत को ‌चरितार्थ किया है। हाल ही में बर्मिंघम में सम्पन्न हुए कॉमनवैल्थ गेम्स में भारत को मिले 61 पदकों में से 17 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। भारत के 1.3 प्रतिशत क्षेत्रफल व 2.09 प्रतिशत आबादी वाले हरियाणा का ओलम्पिक खेलों में भी 50 प्रतिशत से अधिक मेडल का योगदान रहा है। हरियाणा सही मायनों में खेलों की सोने की खान बनने की ओर अग्रसर है।

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