380 दिनों के बाद किसानों ने की घर वापसी, आंदोलन हुआ स्थगित

कितलाना टोल पर गले मिल दी एक दूसरे बधाई, लड्डू बांट और गुलाल लगा नाचते हुए की खुशी जाहिर।

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 11 दिसम्बर,संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में 380 दिन से चल रहे किसान आंदोलन के स्थगित होने पर आज कितलाना टोल पर किसान और मजदूरों ने गले मिलकर पुष्प वर्षा करते हुए लड्डू बांटें और गुलाल लगाते हुए एक दूसरे को बधाई दी। महिलाओं ने देशभक्ति और किसानी के गानों पर नाचकर खुशी जताई। किसान और मजदूरों ने संकल्प लिया कि सरकार ने अगर अपने किये वायदे नहीं निभाये तो संयुक्त किसान मोर्चा 15 जनवरी को होने वाली समीक्षा बैठक में जो फैसला लेगा उसका एकजुटता से अनुशरण करेंगें। इस दौरान आंदोलन में सहयोग देने वाले 800 से ज्यादा किसान और मजदूरों के मीडिया कर्मियों को प्रशस्ति पत्र के साथ स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

वक्ताओं ने कहा कि साल भर से चले किसान आंदोलन में किसान और मजदूरों का संघर्ष रंग लाया है। उन्होंने कहा कि जीत का श्रेय 709 किसानों की शहादत को जाता है जिन्होंने किसान और मजदूरों की फसल और नस्ल बचाने की लड़ाई में सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने भाईचारे को बांटने के लाख प्रयास किए लेकिन किसान और मजदूरों ने उनके षड्यंत्र को पहचान लिया और किसान आंदोलन को जनांदोलन बनाकर अपनी एकजुटता दिखाई।

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को जल्द अपने बाकी वायदे निभाने चाहिए ताकि किसान और मजदूरों को मजबूरन फिर से सड़क पर ना उतरने का फैसला ना पड़े। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार बातों पर अवश्य गौर करेगी। कितलाना टोल पर दिन भर खुशी जताने के बाद शाम 5 बजे एक दूसरे के दुख सुख में सांझीदार बने रहने का वायदा करते हुए एक दूसरे से विदाई ली।

इस अवसर पर दादरी से विधायक और सांगवान खाप से प्रधान सोमबीर सांगवान, नरसिंह डीपीई, बिजेंद्र बेरला, सदानंद सरस्वती, राजू मान, कॉमरेड ओमप्रकाश, कमल प्रधान, गंगाराम श्योराण, सुरेश फौगाट, मास्टर शेर सिंह, रोहताश पहलवान, धर्मपाल महराणा, परमजीत मडडू, राजसिंह जताई, दिलबाग नीमड़ी, कमलेश भैरवी, धर्मेन्द्र छपार, राजकुमार घिकाड़ा, रत्तन जिंदल, सुशील धानक, निर्मला पांडवान, कविता आर्य, सत्यवान बलियाली, धनराज कुंडू, मास्टर ताराचंद चरखी, सूरजभान सांगवान, सुरेंद्र कुब्जानगर, रणधीर कुंगड़, राजसिंह बिरही, राजकरण सरपंच, रामफल देशवाल, सुखदेव पालवास, कामरेड अनिल कुमार, इंदु  परमार, अजित बॉडी, सुशीला घणघस, सीमा बाल्मीकि, राजबाला धनाना, राजकुमार हड़ौदी, जगदीश हुई, संजय मानकावास, रणधीर घिकाड़ा, अशोक आर्य, अनिल शेषमा, देशमुख दादरवाल, सूबेदार सत्यवीर, समुन्द्र सरपंच, सुभाष यादव, देशराम भांडवा समेत सैकड़ों किसान- मजदूर मौजूद थे।

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