सतगुरु की कृपा बिना सब धर्म कर्म बेकार है : परमसंत कँवर साहेब जी
इंसानी जीवन का मूल ही भक्ति है : कंवर साहेब जी महाराज

दिनोद धाम जयवीर फोगाट

11 दिसंबर – अगर मूल बिगड़ गया तो ना वर्तमान सुखद होगा और ना ही भविष्य सुखद बनेगा। इंसान का मूल है भक्ति। इंसान पांच तत्व से निर्मित है यानी इंसान सब कुछ करने में सक्षम है बशर्ते उसका ख्याल पक्का हो। यह सत्संग वचन परमसंत सतगुरु कँवर साहेब जी महाराज ने दिनोद धाम में स्थित राधास्वामी आश्रम में फरमाए। गुरु जी ने फरमाया कि आज भूमि दिवस है। भूमि यानी मिट्टी पांच तत्वों में प्रथम तत्व है जो पूजा में भी प्रथम तत्व है। यदि हम पृथ्वी को सुखद बनायेगे तो ही भक्ति का मार्ग तय कर पाएंगे। पृथ्वी तभी सुखद और सुंदर बनेगी जब हम अपना जीवन संयमित करेंगे।

गुरु महाराज जी ने कहा कि किस बात का लालच और स्वार्थ करते हो। क्षणभंगुर वस्तुओं के लिए मन वचन और कर्म को बिगाड़ते हैं। बाकी परवाह बेमानी हैं। परवाह करो तो इस बात की करो कि हमारा जीवन व्यर्थ जा रहा है। उन्होंने कहा कि सन्तो की शरण में जाने की परवाह करो। सतगुरु का वचन निभाने की परवाह करो। बार-बर सतगुरु को नमन करो। गुरु जी ने कहा कि इंसान मां के गर्भ में आते ही भांति भांति के सँगर्षो से गुजरता है। इन वेदनाओं से छुटकारा पाने के लिए वह परमात्मा से गुहार लगाता है कि मुझे इन वेदनाओं से छुटकारा दे दो मैं आपकी भक्ति करूंगा। लेकिन उस संसार में आते ही इंसान गफलत में बहता जाता है और अपने वादे को भुला बैठता है।

हुजूर महाराज जी ने कहा कि सतगुरु के दर्शन आसौज की बारिश की तरह आपका उपकार करते हैं। उन्होंने कहा कि आज हर नाता स्वार्थ में डूबा हुआ है। पिता पुत्र, बहन-भाई सब में मुकदमें चल रहे हैं। कारण यह कि आज अन्न ही शुद्ध नहीं है। अन्न शुद्ध नहीं होगा तो मन शुद्ध कैसे हो सकता हैं। उन्होंने कहा कि ये सांसारिक नाते तो आपसे कुछ ना कुछ लेने वाले ही हैं और फिर भी हम उन्हीं में उलझे रहते हैं। देने वाला तो एक ही नाता है सतगुरु का नाता। हैरानी की बात है कि देने वाले को हम भुला देते हैं।

गुरु महाराज जी ने कहा कि बुरे कर्म का नतीजा हमेशा बुरा होता है। उन्होंने गांधी जी के तीन बन्दरो का उद्धरण देते हुए कहा कि ना बुराई सुनो ना देखो और ना बुरा बोलो। उन्होंने कहा कि बुराई देखनी है तो खुद की देखो। कोई आप को गाली भी दे तो भी आप उसको फूल ही दो क्योंकि फूल देने वाले को तो फूल ही मिलेंगे और कांटे देने वाले को कांटे ही मिलेंगे। आप सच्चाई का साथ दोगे तो सतगुरु आपका सदा सहाई है। उन्होंने कहा कि परमात्मा तो दासों का ही दास है। उन्होंने कहा कि सतगुरु सब जनता है लेकिन वो आपकी बुराइयों को उजागर नहीं करता। वो तो बुरे का भी भला ही करेगा। साकेत सुअर और कुते की गति एक ही है ये कभी अपनी टेक नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा कि इनका तो एक ही इलाज है कि इनको मुड़कर कभी जवाब मत दो। उन्होंने कहा कि ज्ञान के हाथी की सवारी करो फिर संसार रूपी श्वान का कोई भय नहीं रहेगा। अपने आप को इतना बुलन्द करो कि परमात्मा स्वयं आपकी रजा पूछे।

error: Content is protected !!