मातृभूमि का कर्ज चुकाना नामुमकिन : डॉ रणधीर सांगवान

कितलाना टोल समिति ने पगड़ी पहना व शॉल ओढ़ाकर किया वटवृक्ष डॉ रणधीर सांगवान का सम्मान

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

4 दिसम्बर,इंसान कितने बड़े औहदे पर पहुंच जाए लेकिन अपनी मातृभूमि के कर्जे को नहीं चुका सकता। ये बात हरियाणा सरकार द्वारा वटवृक्ष की उपाधि से अलंकृत 93 वर्षीय डॉक्टर रणधीर सांगवान ने कितलाना टोल पर किसानों से अपने अनुभव सांझे करते हुए कही। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा लेकिन वे लक्ष्य को लेकर दृढ़ रहे और डॉक्टरी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी अपने इलाके से लगाव को नहीं भुले। आज भी वे बेशक उम्र के इस पड़ाव में सिरसा में प्रैक्टिस कर रहे हों पर यहां की याद उन्हें कितलाना टोल पर खींच लाई। उन्होंने कहा कि किसान-मजदूरों के जुझारूपन से आज किसान आंदोलन सफलता के नजदीक है। इससे पहले सांगवान खाप के सचिव नरसिंह डीपीई ने पगड़ी पहनाकर और कितलाना टोल की ओर से श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह जताई ने शॉल ओढ़ाकर व रानीला गांव के ग्रामीणों ने मोमेंटो भेंट डॉक्टर रणधीर सांगवान का स्वागत किया।

दादरी से निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार निरंतर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जाति- पाति को पूरी तरह खत्म कर भाईचारे को कायम करने के साथ भ्रूण हत्या, नशे, दहेजप्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए 02 जनवरी को कितलाना टोल पर ऐतिहासिक सर्वजातीय सर्वखाप का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के लिए संयुक्त किसान मोर्चा को भी फैसला लेगा उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 343वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, सर्वजातीय श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, पंवार खाप से दयानंद रानीला, जाटू खाप से मास्टर राजसिंह जताई, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, चौ० छोटूराम डा० अम्बेडकर मंच से बलबीर सिंह बजाड़, युवा कल्याण संगठन से सुभाष यादव, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से हरबीर सिंह कितलाना, चौगामा खाप से मीरसिंह नीमड़ीवाली, महिला किसान मोर्चा से कमला देवी बिलावल, ओमली, प्रेम शर्मा कितलाना रणधीर घिकाड़ा, मास्टर ताराचंद चरखी, राजसिंह बिरही, सुरजभान झोझू, सुरेन्द्र कुब्जानगर, राजू मान, गंगाराम श्योराण, जागेराम डीपीई, चंद्र सिंह पैंतावास, पृथ्वी सिंह नम्बरदार, जगदीश हुई, देशराम भाण्डवा, आजाद, नंदलाल अटेला, राजबीर बोहरा, सत्यवान कालुवाला, जगदीश झोझू, सूबेदार सत्यवीर, शब्बीर हुसैन, इकबाल तेली, शमशेर सांगवान, रामानंद कालुवाला, ओम चरखी, वीरेंद्र मास्टर, बलजीत, सतेंद्र मानकावास, परमजीत फतेहगढ़ इत्यादि मौजूद थे।

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