Category: भिवानी

महिला सशक्तिकरण के लिए एक मार्च से मनाया जाएगा वूमन वीक

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य बलिदान देने वाले गांव रोहणात से होगी कार्यक्रम की शुरुआतप्रत्येक खंड के कम लिंगानुपात वाले एक-एक गांव में घरों पर बेटियों के नाम से…

जर्नलिस्ट क्लब भिवानी की कार्यकारिणी घोषित

भिवानी। जर्नलिस्ट क्लब भिवानी ने पदाधिकारियों की घोषणा की है। प्रदीप चौहान को पुन: प्रधान महासचिव और अनिल यादव को कोषाध्यक्ष मनोनित किया गया है। इस बारे में जानकारी देते…

किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री की नीयत में खोट : अभय चौटाला

उत्तराखंड त्रासदी और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों को दी श्रद्धांजलि चरखी दादरी जयवीर फोगाट संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य से साफ हो गया है कि किसान…

धन और जमीन के लोभ में पिता ने बेटी के रिस्ते को किया कलंकित

पिता अपनी बेटी को एक आश्रम की साध्वी बनाना चाहता था। बेटी के मना करने पर पिता ने कुछ कथित संतो के साथ मिलकर अपनी बेटी का बलात्कार करवा दिया,…

किसानों के समर्थन में इस्तीफा देने पर अभय चौटाला का हुआ सम्मान

मेरे इस्तीफ़े पर सवाल उठाने वाले कांग्रेसियों को डर: अभय चौटालापूर्व सीएम भूपेन्द्र किसानों के हितैषी नहीं, भाजपा के एजेंट: अभयकहा: अजय तोमर अपनी झुठ छुपाने के लिए कानून सही…

विधायक बलराज कुंडू ने कितलाना टोल पर किसानों में भरा जोश

राकेश टिकैत, डॉ दर्शन पाल एवं बलबीर सिंह राजेवाल के साथ कुंडू ने की किसान महापंचायत में शिरकत. किसान आंदोलन अब महज आंदोलन ना रह कर ले चुका है क्रांति…

कितलाना टोल का जुदा अंदाज- किसानों ने जमीन पर लेटकर लगाया जाम

एम्बुलेंस को दिया रास्ता, वाहनों की लगी लंबी कतारकितलाना टोल पर 44वें दिन अनिश्चित कालीन धरना बरकरार, 7 को गरजेंगे टिकैत और चढूनी चरखी दादरी जयवीर फोगाट तीन कृषि कानूनों…

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने किया चक्का जाम, भारी पुलिस बल तैनात

किसानों के समर्थन में पूर्व सीपीएस पहुंचे जाम स्थल पर भिवानी/धामु। राष्ट्रीय किसान मोर्चा के आह्वान पर आज तीन घंटें का रोड जाम किया गया। जाम के दौरान किसी भी…

भिवानी बना खड्डों का शहर, लगभग सभी मार्गो की सड़कें धसने लगी।

मंडन मिश्रा भिवानी : कभी हरियाणा की मिनी राजधानी कहा जाने वाला भिवानी जिला आज खड्डों का शहर बनता जा रहा है। चौधरी बंसीलाल के समय में जब प्रदेश के…

कानून इतना पर्याप्त और सरल होना चाहिए कि इसे किसान समझ सके

आज प्रशासन के सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार इतना व्यापक है कि समानुभूति और सार्वजनिक सेवा का एक मूलभूत मूल्य अस्तित्वहीन है। यहां तक कि सबसे गरीब और कमजोर भी क्षुद्र…

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