किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री की नीयत में खोट : अभय चौटाला

उत्तराखंड त्रासदी और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों को दी श्रद्धांजलि

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य से साफ हो गया है कि किसान आंदोलन को लेकर उनकी नीयत में खोट है। यह बात इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कितलाना टोल पर किसानों के धरने को समर्थन देते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आंदोलन को लंबा करवाकर तोड़ना चाहते हैं जिससे सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की इस लड़ाई में इनेलो का हर कार्यकर्ता बिना पार्टी के झंडे और बैनर के डटकर साथ देगा। उन्होंने कहा देर लग सकती है लेकिन किसानों की जीत तय है।                 

उन्होंने जजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने भाजपा के खिलाफ ये कहकर वोट बटोरे थे कि वो किसानों का साथ देंगे। आज सत्ता के लालच में उनकी झोली में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन लंबा चलेगा इसलिए सब मिलकर हर गांव में 10 से 15 लोगों की कमेटी बनाएं जो बॉर्डर और टोलों पर चल रहे धरनों को मजबूती देते रहें। उन्होंने विधानसभा से इस्तीफे पर रोशनी डालते हुए कहा कि जहां सत्ता के विरुद्ध विपक्ष में साथ देने वाला कोई ना हो ऐसे सदन का सदस्य बने रहना उन्हें गवारा नहीं था।               

  कितलाना टोल पर किसान महापंचायत को ऐतिहासिक बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने इलाके की सभी खापों के साथ किसान, व्यापारी, सामाजिक और कर्मचारी संगठनों का आभार जताया है।

आज कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने के 46वें नर सिंह डीपीई, बलवंत नम्बरदार, बिजेंद्र श्योराण, प्रभुराम गोदारा, राजकुमार दलाल, राज सिंह जताई, राकेश आर्य, गंगाराम श्योराण, सुभाष यादव, बीरमति ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महापंचायत में पूरे जोश से भारी संख्या में आये 36 बिरादरी की एकजुटता ने सिद्ध कर दिया है कि सरकार जितने मर्जी षड्यंत्र रच ले लेकिन समाज और भाईचारे को बांटने का मंसूबा पूरा नहीं होगा। आज भी टोल फ्री रहा। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। 

धरने पर उत्तराखंड के चमोली में आये भारी जल प्रलय में जान गवानें और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों के लिए धरनारत किसानों ने खड़े हो दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। 

इस अवसर पर पूर्व विधायक ओमप्रकाश गोरा, ओमप्रकाश कड़वासरा, सुरेश फौगाट, शमशेर फौगाट, राजू मान, कमल प्रधान, विजय पचगांव, दिलबाग सिंह चैयरमैन, राज सिंह गागड़वास, सुनिल लाम्बा, कुलवंत कोटिया, होशियार सिंह पूर्व कमिश्नर, कृष्ण शर्मा, नरेंद्र राज गागड़वास, इंदु परमार, विद्यानंद हंसावास, राजकुमार हड़ौदी, दिलबाग ढुल, दिलबाग ग्रेवाल, भूपेंद्र पूर्व सरपंच, बलबीर बजाड़, अनिल शेषमा, दुष्यंत कलकल, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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