Category: हिसार

सूरत में भाजपा के प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन इलेक्टोरल बॉन्ड का पहला परिणाम : लाल बहादुर खोवाल

भाजपा ने षडयंत्र रचकर सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द करवाया : लाल बहादुर खोवाल कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने पर हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने जताया आक्रोश…

देवाशीष बिंदल ने कैसे पास की सिविल सर्विस परीक्षा ? अग्रसेन कॉलोनी वासियों ने किया सम्मानित

देवाशीष बिंदल ने सिविल सर्विस परीक्षा में 301वां स्थान प्राप्त किया, अग्रसेन कॉलोनी वासियों ने किया सम्मानित। अजीत सिंह हिसार। अप्रैल 23 – हिसार की अग्रसेन कॉलोनी के 26-वर्षीय युवा…

वरिष्ठ नेताओं के चुनाव दौरों से अटक रही हरियाणा प्रत्याशियों की सूची : सैलजा

-कमलेश भारतीय हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची में देरी का बड़ा कारण श्री खड़गे समेत वरिष्ठ नेताओं का चुनाव प्रचार के लिए दूसरे प्रदेशों के दौरे पर जाना है…

अपनी अपनी जादूगरी ………… अपने ही खेल

-कमलेश भारतीय लोकसभा चुनाव हों या कोई भी चुनाव सभी राजनीतिक दलों व इनके नेताओं की अपनी अपनी जादूगरी होती है और अपने ही खेल होते हैं जिससे दूसरों को…

भारतीय योग संस्थान द्वारा वानप्रस्थ सीनियर सिटिज़न क्लब में शंख प्रक्षालन – क्रिया का सफल आयोजन

भारतीय योग संस्थान द्वारा वानप्रस्थ सीनियर सिटीज़न क्लब में शंख प्रक्षालन क्रिया का आयोजन किया गया । डा: जे. के. डाँग हिसार – शंख का अर्थ है आंतें और प्रक्षालन…

देवीलाल की विरासत चार जगह बंट रही है और जनता समझ रही है : चौ बीरेंद्र सिंह

-कमलेश भारतीय हिसार : चौ देवीलाल की विरासत चार जगह बंट रही है और जनता सब समझ रही है। हरियाणा के लोग समझ रहे हैं। जो परिवार एकजुट रहते हैं,…

कैसी कैसी नाराजगियां और शिकायतें …………

-कमलेश भारतीय चुनाव में कैसी कैसी नाराजगियां झेलनी पड़ती हैं। अभी देखिए न कैसे हमारे दाढ़ी वाले बाबा यानी पू्र्व‌ मंत्री अनिल विज अपनी ही पार्टी से कितने नाराज हैं…

सरकार की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान, नहीं हो रहा अनाज का उठान : लाल बहादुर खोवाल

अनाज मंडियों में खुले में पड़ा गेहूं बारिश में भीग रहा, भाजपा लोकलुभाव वादे करने में जुटी : लाल बहादुर खोवाल गेहूं व सरसों की खरीद की समुचित व्यवस्था न…

स्कूलों की मनमानी, किताबें बनी परेशानी ……. निजी स्कूल बने किताबों के डीलर तो दुकानदार बने रिटेलर

स्कूलों द्वारा तय निजी प्रकाशकों की किताबें एनसीईआरटी की किताबों से पांच गुना तक महंगी हैं। एनसीईआरटी की 256 पन्नों की एक किताब 65 रुपये की है जबकि निजी प्रकाशक…

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