कर्मचारी खा रहे दर-दर की ठोकरें, लेकिन नहीं मिल रहा कैशलेस इलाज।

भाजपा सरकार कर रही कैशलेस के नाम पर लगातार 10 साल से गुमराह लेकिन लागू करने में पूर्णतया फैल।

चण्डीगढ, 28 नवम्बर :- हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन व कर्मचारी सैल इनेलो के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार कर्मचारीयों के लिए कैशलेस मैडीकल सुविधा लागू करने में पूर्णतया फैल साबित हुई है, जो लगातार 10 साल से कैशलेस के नाम पर कर्मचारियों को गुमराह कर रही है लेकिन आजतक पूर्ण रूप से लागू नहीं कर पाई है। इससे साफ साफ जाहिर होता है कि भाजपा सरकार जानबूझकर मामले को लटका रही है। कैशलेस इलाज सुविधा न मिलने से कर्मचारी/पैन्शनर व उनके आश्रितों को भारी परेशानी का सामना करना पङ रहा है।

प्रदेशाध्यक्ष बलवान सिंह दोदवा ने बताया कि प्रदेश के रैगुलर कर्मचारी/पैन्शनर व उनके आश्रितों को प्रदेश के सरकारी व पैन्लड निजि हस्पतालों में किसी भी तरह की बिमारी का इलाज करवाने पर उस पर आने वाले खर्च के बिलों की अदायगी नियमानुसार सरकार द्वारा की जाती है। लेकिन हर कर्मचारी को इलाज पर आने वाले खर्च की अदायगी पहले जेब से की जाती है, जिसको वहन करने में हर कर्मचारी सक्षम नहीं है और उसको इलाज करवाने में काफी परेशानी का सामना करना पङता है। इसके साथ-साथ काफी फर्जीवाङा भी हो रहा था, जिसके कारण सरकार को काफी वित्तीय नुकसान भी उठाना पङ रहा था। इसलिए कर्मचारी काफी लम्बे समय से सरकार से कैशलेस इलाज स्कीम लागू करने की मांग कर रहे थे। सरकार ने इस मांग को माना तो लेकिन आज तक विधिवत रूप से इसे लागू नहीं कर पाई।

दोदवा ने बताया कि सरकार ने कैशलेस स्कीम पहले 6 बीमारीयों पर लागू की जिसका लाभार्थी को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया। इसके बाद केंद्र हेल्थ स्कीम के तहत कार्ड बनाकर आयुष्मान हेल्थ स्कीम में समायोजित कर दिया गया। लेकिन यह स्कीम भी पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पाई। सरकार से अप्रूल न होने की वजह से निजि हास्पिटल वालों ने तो कैशलेस इलाज करने से ही मना कर दिया,जिसके कारण कर्मचारीयों की समस्या और बढ गई। सरकार ने अब इस स्कीम को भी वापिस ले लिया है और संसोधन करके पूर्णतया लागू करने की बात कह रही है। लेकिन हमें नही लगता कि सरकार इसे सही ढंग से लागू कर पाएगी।

दोदवा ने बताया कि सरकार के पैनल में सरकारी हस्पतालों के साथ 575 प्राइवेट हास्पिटल भी शामिल हैं। लेकिन निजि हास्पिटल वाले आयुष्मान योजना के तहत कैशलेस इलाज करने से मना कर रहें हैं, क्योंकि सरकार द्वारा निजी हास्पिटल के बिलो का भुगतान नहीं किया जा रहा। आज भी निजि हास्पिटल के लगभग 120 लाख क्लेम केस लम्बित व 200 करोङ रुपए की राशि सरकार की तरफ बकाया है।

सरकार ने खुद माना है कि आज भी 160 करोङ रुपए की राशि बकाया पङी है। जब प्राइवेट हास्पिटल वालो ने आयुष्मान योजना के तहत लोगों का इलाज करने से मना कर दिया तो सरकार ने आनन-फानन में 18 करोङ रुपए की राशि जारी की जो अपर्याप्त है। सरकार की इस नाकामी का नुकसान प्रदेश की आम जनता व कर्मचारीयों को उठाना पङ रहा है। अगर सरकार हास्पिटल के बिलों का भुगतान ही नहीं करती तो कैशलेस इलाज के नाम पर जनता को बेवकूफ क्यों बनाया जा रहा है।

इसलिए सरकार से अपील है कि अगर वो प्रदेश की जनता व कर्मचारीयों को इमानदारी के साथ कैशलेस इलाज की सुविधा देना चाहती है तो इसमें संशोधन करके पूर्णतया लागू करने का काम करे ताकि प्रदेश की जनता को इसका सही तरीके से लाभ मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!