Category: हिसार

बदल गये मुख्यमंत्रियों के चेहरे…..

कमलेश भारतीय पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला तो तेलंगाना में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला। मिजोरम…

यादों की धरोहर ……. महज साक्षात्कारों का संचयन नहीं वरन एक संदर्भ ग्रंथ

इंदिरा किसलय चीड़ों पर चाँदनी का भावुक अक्स उकेरते हुए “निर्मल वर्माजी” हों, आँखिन देखी कहने वाले “हरिशंकर परसाई”, आषाढ़ का एक दिन की यादों में भीगी “अनिता राकेश”,तमस के…

निकाय मंत्री ने हिसार से गुरुग्राम के लिए वातानुकूलित बस को हरी झंडी देकर किया रवाना

कहा हिसार नगर में 50 इलेक्ट्रॉनिक लोकल बसे चलेगी। यात्रियों को होगी बड़ी सुविधा हिसार, 12 दिसम्बर।शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने आज हिसार बस अड्डा से गुरुग्राम…

हिसार की यादें …….. राखीगढ़ी बनी राष्ट्रीय धरोहर

-कमलेश भारतीय लिखने बैठूं तो हिसार की यादों का पिटारा खुलता ही जायेगा। कोई ओर-छोर नहीं इन यादों का, न कोई आदि न कोई अंत! अनंत हैं यादें! जब सन्…

जनता की सुध लेने की अपेक्षा गृह मंत्री को खुश करने में जुटे मुख्यमंत्री : लाल बहादुर खोवाल

गृह मंत्री व मुख्यमंत्री की आपसी खींचतान का खामियाजा भुगत रही जनता : लाल बहादुर खोवाल गृह मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एवं डॉ. सोनिया त्रिखा के विवाद पर…

राजगुरु मार्केट में अपराधियों द्वारा गोली चलाने पर व्यापारियों में दहशत का माहौल है बजरंग गर्ग

पुलिस तुरंत अपराधियों को पकड़ कर सख्त से सख्त कार्रवाई करें- बजरंग गर्ग हिसार- हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने राजगुरु मार्केट में अपराधियों द्वारा गोली…

पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को समझने के लिए गृहमंत्री अमित शाह को लेना हो‌गा पुनः जन्म : हनुमान वर्मा

पंडित जवाहर लाल नेहरू जी देश के निर्माता थे ,उन पर टिप्पणी करने का किसी को कोई अधिकार नहीं : हनुमान वर्मा पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने जो देश…

विधायिका एवं न्यायपालिका में अधिकारों को लेकर पिछडा़ वर्ग ने उठाई आवाज ……..

शीघ्र ही जिला हिसार में बीसी वैलफेयर सोसाइटी या कोई अन्य नाम से संस्था होगी गठित- सुरेन्द्र वर्मा हिसार, 9 दिसम्बर :– पिछड़े वर्गों के प्रबुद्ध लोगों ने हिसार स्कोलर…

साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती , मेरी किताब के विदेशी अनुवाद से पैसे मिले : बेबी हालदार

-कमलेश भारतीय साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती । मेरी पहली ही किताब इतनी चर्चित हूई कि देश विदेश की 27 भाषाओं में अनुवाद हुई जिससे मुझे पैसे मिले…

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