Category: विचार

अह्म ब्रम्हास्मि, सब ज्ञानी हो जाएंगे,फिर मेरी बकवास कौन सुनेगा।

* कब चाय बनी कब भीख मांगी?* भला कोई चाय बेचने ~भीख मांगने वाले लडके से कोई अपनी पढ़ी लिखी लड़की क्यों ब्याह देगा?* तथ्यों को लेकर झूठ और ग़लत…

हिंसा को कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है।

* 300 किसान शहीद हो गए आंदोलन में, दिखा कहीं सहानुभूति या संवेदना का एक शब्द ।* कर्म है घूम के आता हैं।* पार्टी से ज्यादा जनता को प्राथमिकता नहीं…

राम के 14 वर्षों के काम को इन्होने मात्र दो-तीन वर्षों में कर लिया

* मोदी ने बांग्लादेश की आज़ादी के लिये सत्याग्रह किया था।* चाय बेचने, मगरमच्छ पकड़ने, 35 साल तक भीख मांगने, एंटायर पोलिटिकल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन करने, हिमालय में सन्यास…

भारत बंद में कुछ मानवता भी ,,,,

-कमलेश भारतीय आज किसान आंदोलन के नेताओं की ओर से भारत बंद का आह्वान था । शायद मैं सुनी सुनाई या गोदी मीडिया की देखी दिखाई लिखता पर अपनी बेटी…

तीन कृषि कानूनों के पीछे का सच

* चुनावो में जोर-शोर से पाकिस्तान को कोसने वाले अचानक क्योंकर खामोश है ?* कहते थे ये द्विपक्षीय मुद्दे है, इनमे किसी की मध्यस्थता बर्दाश्त नही, वो मन मारकर कर…

खर्च घटाने में जुटी सरकार: सीएपीएफ के बाद अब ‘सेना’ को पुरानी पेंशन व्यवस्था से बाहर करने की तैयारी

अशोक कुमार कौशिक केंद्र सरकार केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ) की तर्ज पर अब आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में भी वेतन एवं पेंशन के खर्च को कम करने पर विचार कर…

डबल इंजन सरकार, गांव से संसद तक क्या एक पार्टी अनिवार्य?

* सवाल उठ रहा है सिंगल इंजन की सरकारो में कितना विकास हुआ।* कंधार विमान अपहरण में ममता का प्रस्ताव की वो बंधक बन कर आतंकवादियों के कब्जे में जाने…

परमवीर सिंह की चिट्ठी, चिट्ठी और वैभव कृष्ण की चिट्ठी ?

* दो पुलिस अफसरों के आपसी लड़ाई का मामला* आर्केस्ट्रा बारो में कितना पैसा है।* ऊपर से नीचे तक मैनेज होकर चलते है मुम्बई के आर्केस्ट्रा बार अशोक कुमार कौशिक…

बंद कीजिये साहेब बार बार मिथ्यावाचन करना।

– लाचित बड़फुकन अंग्रेजों नहीं मुगलों से लड़े थे।– सन 1671 में सराईघाट-युद्ध में औरंगजेब की फौज़ को करारी शिक़स्त दी थी– अंग्रेज तो डेढ़ सौ साल बाद 1826 में…

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