50,000 रुपये से अधिक वेतन के कर्मचारियों की सेवाओं को सुरक्षित करने के लिए भी लाया जाएगा विधेयक- मुख्यमंत्री 2 लाख अतिरिक्त पक्की नौकरियां मिलेंगी चंडीगढ़, 18 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में हरियाणा कौशल रोजगार निगम, आउटसोर्स नीति के तहत लगे 1 लाख 20 हजार कर्मचारियों की सेवाओं को सेवानिवृति की तिथि तक सुरक्षित करने का निर्णय लिया है। इसी उद्देश्य के लिए सरकार हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक, 2024 लेकर आई है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि 50,000 रुपये के वेतन की सीमा से ऊपर के कर्मचारियों की सेवाओं को सुरक्षित करने के लिए भी विधेयक लाया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा में हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस के समय ठेकेदार के माध्यम से लगे कर्मचारियों का शोषण होता था। ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों को पूरा मानदेय नहीं दिया जाता था। यदि कोई कर्मचारी इस बारे अपनी आवाज उठाता था, तो उसे नौकरी से बाहर कर दिया जाता था। कर्मचारी परेशान थे। वर्तमान राज्य सरकार ने कांग्रेस की इन गलत नीतियों को दुरुस्त करने का काम किया। इसी उद्देश्य से कर्मचारियों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने 1 अप्रैल, 2022 को हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम के तहत भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। इस निगम के तहत पहले से कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पोर्ट किया गया। नये कर्मचारियों को भी नियुक्ति प्रदान की गई है, जिसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। राज्य सरकार ने डेप्लॉयमेंट ऑफ कॉटरेक्चुअल पॉलिसी के तहत पैरामीटर तय किए हैं। जिसके घर में कोई नौकरी न हो, आयु के आधार पर तथा कौशल के आधार पर युवाओं को वेटेज दी गई है। इससे गरीब परिवार के पात्र युवाओं को नौकरी मिली है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अंतर्गत आरक्षण के विषय पर जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम के तहत 28 प्रतिशत आरक्षण देते हुए अनुसूचित जाति के 37,404 युवाओं को नौकरी दी गई है। इसी प्रकार, 32 प्रतिशत आरक्षण देते हुए पिछड़ा वर्ग के 41,376 युवाओं और सामान्य वर्ग के 53,993 युवाओं को नौकरी दी गई है। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आगामी समय में राज्य सरकार द्वारा 2 लाख अतिरिक्त पक्की नौकरियों को बिना पर्ची-बिना खर्ची के पारदर्शी तरीके से युवाओं को देने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में 50 हजार रुपये से अधिक मानदेय पर काम कर रहे कर्मचारियों की सेवाओं की सुरक्षा के लिए भी सरकार विचार कर रही है। उनके साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता कहते थे कि जब हमारी सरकार आएगी तो हम एचकेआरएन को खत्म कर देंगे। परंतु वर्तमान राज्य सरकार, किसी को नौकरी से नहीं हटा रही है। हमारी सरकार ने सभी कच्चे कर्मचारियों की सेवाओं को पूर्ण रूप से सुरक्षित करने का काम किया है, ताकि हरियाणा के विकास में वे भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके। चर्चा के उपरांत सदन में हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक, 2024 को पारित किया गया। Post navigation हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान तीसरे दिन सात विधेयक पारित किए गए