Category: विचार

राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस….मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ लेकिन मीडिया के कितने स्तंभ !

समय के साथ मीडिया का काम सरल लेकिन बेहद जोखिम पूर्ण. आज के परिवेश में सोशल मीडिया का है अधिक बोलबाला फतह सिंह उजाला बहुमंजिला इमारतें , शानदार कोठियां या…

बेल या जेल… समझे पुलिस और वजीर , सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम नजीर

पुलिस और वजीर आजादी के अधिकार को नहीं बना सकते बंदी. गूंजा वंदे मातरम – वंदे मातरम और भारत की जनता की जीत फतह सिंह उजाला आजादी-बेल आम आदमी का…

क्रिकेट और राजनीति के मैच संपन्न

-कमलेश भारतीय लीजिए । आईपीएल क्रिकेट , बिहार , मध्य प्रदेश, गुजरात , छत्तीसगढ़ और हरियाणा के फरीदा के चुनाव संपन्न हुए । बड़ी बैचैनी थी । खासकर जब आज…

कानून के साथ लिंग संवेदीकरण महिलाओं के लिए अच्छा साबित हो सकता है

लैंगिक भेदभाव का मूल कारण भारतीय समाज में प्रचलित पितृसत्तात्मक मन है. हालांकि अब ये शहरीकरण और शिक्षा के साथ बदल रहा है, फिर भी एक के लिए लंबा रास्ता…

चुनाव और उपचुनाव के पेंच

-कमलेश भारतीय सुबह से चुनावों के नतीजे और रुझान जारी हैं । खुद राजनीतिज्ञ इन परिणामों की तुलना टी ट्वंटी से कर रहे हैं । बिहार में खासतौर पर यही…

नीतीश कुमार की सहानुभूति की अपील : मेरा आखिरी चुनाव

-कमलेश भारतीय बिहार विधानसभा के आम चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमारे नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम की तरह भावनात्मक अपील की है कि यह मेरा आखिरी चुनाव है…

अर्णब, मीडिया और हमारा समाज

-कमलेश भारतीय रिपब्लिक टीवी के चीफ एडिटर अर्णब गोस्वामी को मां बेटे को खुदकुशी के लिए दो साल पूर्व उकसाने के आरोप में मुम्बई पुलिस ने न केवल गिरफ्तार किया…

रियल्टी शोज कितने सच्चे, कितने झूठे ,,,?

-कमलेश भारतीय रियल्टी शोज का अपना संसार है और टीआरपी बढ़ाने के अपने अपने फंडे हैं सबके । रियल्टी शोज कोई नये नहीं हैं । काफी समय से चल रहे…

जिहाद की जिद : जिहाद का हिंदू त्योहारों पर ही क्यों उमड़ा सनातन प्रेम !

मथुरा के नंद बाबा मंदिर में नमाज के बाद उपजा फसाद. मंदिर में नमाजी के कोरोना पॉजिटिव से ताजा हुआ मरकज फतह सिंह उजाला पूरी दुनिया में भारत ही एकमात्र…