-कमलेश भारतीय

लीजिए । आईपीएल क्रिकेट , बिहार , मध्य प्रदेश, गुजरात , छत्तीसगढ़ और हरियाणा के फरीदा के चुनाव संपन्न हुए । बड़ी बैचैनी थी । खासकर जब आज तक ने तेजस्वी के महागठबंधन को सबसे ऊपर बता दिया था सर्वेक्षण में । भाजपा वालों की सांसें फूल गयी थीं । यह भी कि चुनाव परिणाम के पहले दो घंटे तक तेजस्वी और महागठबंधन आखे रहे और लगता था कि सर्वेक्षण सच होने जा रहे हैं लेकिन फिर पासा पलट गया और चाचा नीतीश कुमार का अंत भले का भला कहा काम आ गया और वे सातवीं बार मुख्यमंत्री बन कर एक कीर्तिमान रच देंगे यदि भाजपा अपना इरादा नहीं बदल लेती ।

कहा जा रहा है कि महागठबंधन को ओवैसी, मायावती और चिराग पासवान ने नीचे से खिसका दिया । फिर भी बड़ी बात यह कि कांग्रेस और तेजस्वी अपना पुराना प्रदर्शन ही दोहरा नहीं पाए । यदि तेजस्वी पुराने 80 और कांग्रेस 27 सीटें भी बरकरार रखते तो जीत इनकी होती । अब ओवैसी कह रहे हैं कि हमारा क्या दोष ? लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का हक है और हम तो पश्चिमी बंगाल और यूपी में भी चुनाव लड़ेंगे । सावधान रहिएगा । हम वोट काटेंगे ।

मजदूरों का पलायन बड़ा मुद्दा नहीं बन सका या बनाना नहीं आया । बेरोजगारी का सवाल उठाया पर कारगर नहीं रहा । बहुत सी बातें हैं । चिराग को अपनी पार्टी लोकजनशक्ति का अस्तित्व बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी । एनडीए से बिहार में अलग होकर कुछ न मिला । जीवत राम मांझी भी करिश्मा श कर सके ।

रही मध्य प्रदेश की बात तो माधव राव सिंधिया जरूर अपनी पीठ ठोक रहे हैं और बड़ी चालाकी और विनम्रता से कह रहे हैं कि मैं तो साधारण कार्यकर्त्ता हूं । अब यह तो कांग्रेस जानती है कि कितने साधारण हैं । कितना बड़ा झटका और कितने धीमे से ।

बरोदा की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना गढ़ बड़ी मेहनत से बचा लिया और योगेश्वर दत्त दूसरी बार बरोदा से पहले से भी ज्यादा मतों से हार गये । पिता व पुत्र ने दिन रात एक कर पूरे हरियाणा मंत्रिमंडल का मुकाबला कर दिखाया । योगेश्वर दत्त को अपने राजनीतिक करियर के बारे में सोचना पड़ेगा । यह साफ संकेत हैं कि किसान आंदोलन और पिपली के लाठीचार्ज ने भी इस चुनाव में बड़ी भूमिका निभाई जिससे भाजपा उभर ही नहीं पाई ।

चुनावों ने यह संकेत तो दे दिया कि अब भाजपा के लिए सब कुछ उतना आसान नहीं और मोदी है तो मुमकिन है के नारे का असर कम होता जा रहा है । सीख सबको लेनी पड़ेगी और सबक भी सबको मिले ।

क्रिकेट में मुम्बई ने दिल्ली को हरा कर आईपीएल जीत लिया यानी तेजस्वी की पुरानी टीम भी हार गयी । धोनी और विराट की टीमें पहले ही आईपीएल से बाहर हो गयी थीं ।
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