Category: देश

लॉकडाउन में घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का आँकड़ा न होना सरकार की प्राथमिकताओं का परिचायक

‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम ने केंद्र सरकार को संवेदनहीन बताते हुए प्रवासी मजदूरों और बेरोजगारों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। मॉनसून सत्र के पहले दिन…

बदनामी और बेइंसाफी में जंग

-कमलेश भारतीय यदि टी वी चैनल्ज की कवरेज देख कर कोई राय कायम करनी हो तो यह राय बनती है कि देश में खासतौर से महाराष्ट्र में बदनामी और बेइंसाफी…

हिंदी दिवस को श्राद्ध से न जोड़ा जाए : डाॅ मधुसूदन पाटिल

–कमलेश भारतीय हिंदी दिवस को श्राद्ध पक्ष से न जोड़ा जाए । शरद जोशी ने लिखा था कि श्राद्ध के दिनों में कौए को याद किया जाता है । ऐसे…

“हिन्दी आज रोजगार की भाषा बन चुकी है”

हिन्दी दिवस का आयोजन गुरुग्राम, 14 सितम्बर। “मन की भाषा, प्रेम की भाषा, हिन्दी है भारत जन की भाषा।“ ये विचार एसजीटी विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संकाय के…

हिंदी भाषा की लिपि में अंतर्निहित दार्शनिकता से कुछ तो सीखें

उमेश जोशी हिंदी दिवस पर ‘सुप्रभात’ के संदेश में हिंदी की महानता और वैज्ञानिकता को दर्शाती चार लाइनें मिली थीं। अपनी बात उन्हीं चार लाइनों से शुरू करता हूँ- “ऊँच-नीच…

लघुकथा : छलावा

डा. सुरेश वशिष्ठ, गुरुग्राम मुझे शास्त्र का ज्ञान नहीं परंतु अनुभव से समझता हूं–“परम-आत्मा जब देह सजाते हैं, तब सर्वप्रथम उसमें प्राण फूँकते हैं । अंतर्मन के भाव सूरत में…

हमारी मातृ भाषा हिंदी~जिस देश में हिंदी के लिए दबाव बनाना पड़ता है और 90% लोग अंग्रेजी में हस्ताक्षर करते हैं..

बंटी शर्मा सुनारिया हर साल हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन ही देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया…

मनुमुक्त ‘मानव’ ट्रस्ट द्वारा ‌अंतरराष्ट्रीय हिंदी-संगोष्ठी आयोजित दस देशों के विद्वानों ने किया हिंदी की प्रासंगिकता पर विचार-मंथन

— डॉo सत्यवान सौरभ, आज हिंदी विश्व की जरूरत बन गई है तथा हर देश भारत के साथ मैत्री संबंधों की खिड़की हिंदी भाषा के माध्यम से ही खोलना चाहता…

आइए हुजूर आपको सितारों में ले चलूं ,,,दिल झूम जाए ,,,,

-कमलेश भारतीयसुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की या हत्या हुई । भूल जाइए आप । -कमलेश भारतीय आइए हुजूर आपको सितारों में ले चलूंदिल झूम जाए ऐसी बहारों मे ले…

‘हिन्दी-दिवस’ पर विशेष: चुनौतियों के बावजूद विश्व में बढ़ते हिंदी के कदम, दुनिया में लोकप्रिय हो रही है हिन्दी

युद्धवीर सिंह लांबा किसी भी देश की उन्नति में मातृभाषा, राष्ट्रीय भाषा या राजभाषा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह…

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