‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम ने केंद्र सरकार को संवेदनहीन बताते हुए प्रवासी मजदूरों और बेरोजगारों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। मॉनसून सत्र के पहले दिन आज एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण विपरीत परिस्थितियों में गांव घर लौटने को मजबूर हुए प्रवासी मजदूरों का आँकड़ा सरकार के पास नहीं है। सरकार से पूछा गया था कि मरने वाले मजदूरों के परिजनों को मुआवजा या आर्थिक मदद दी गयी या नहीं। सरकार का कहना है कि जब आँकड़ा ही नहीं तो मुआवजा कैसे दिया जाए। साथ ही ये भी पूछा गया था कि क्या सरकार ने प्रवासी मजदूरों में बेरोज़गारी का स्तर मापा है। इस सवाल के जवाब में भी सरकार ने आँकड़ों की कमी का हवाला दे दिया। श्रम एवं रोज़गार मंत्री द्वारा संसद में दिए ये उत्तर सरकार की प्राथमिकताओं का परिचायक हैं। एक तरफ जहाँ देश कराह रहा है, वहीं मोदी सरकार का कोई ध्यान या इच्छाशक्ति ही नहीं है इन गंभीर मुद्दों को सुलझाने की। ‘युवा हल्ला बोल’ ने पिछले कुछ दिनों से अर्थव्यवस्था के बंटाधार होने पर बेरोज़गारी की समस्या पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। देश भर के युवा तरह तरह के तरीकों से अपना आक्रोश जताया रहे हैं। इसीके तहत आगामी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस को “जुमला दिवस” की तरह मनाने की घोषणा हुई है। बेरोज़गार युवा मोदी जी के किसी जुमले को कागज़ पर लिखकर गुरुवार सुबह 11 बजे ट्वीट करेंगे। Post navigation केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली के AIIMS में भर्ती हुए डिप्टी सीएम ने नए ऑरबिटल रेल कॉरिडोर की मंजूरी देने पर केंद्र का जताया आभार