“हिन्दी आज रोजगार की भाषा बन चुकी है”

हिन्दी दिवस का आयोजन

गुरुग्राम, 14 सितम्बर। “मन की भाषा, प्रेम की भाषा, हिन्दी है भारत जन की भाषा।“  ये विचार एसजीटी विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संकाय के छात्रों ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल भाषा नहीं यह देश की आन-बान-शान की प्रतीक है। भाषा होने के साथ ही यह एक संस्कृति भी है जो विविधता में एकता के रूप में भी लक्षित होती है। 

एसजीटी विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा “हिन्दी हमारी पहचान, हमारा पर्व” विषय पर वेबिनार आयोजित कर हिन्दी दिवस मनाया गया। अध्यापकों के संरक्षण में पूरा कार्यक्रम छात्रों ने आयोजित किया। कार्यक्रम दो भागों में विभाजित था। पहले भाग में छात्रों ने हिन्दी में कविताएँ पढ़ीं तथा कार्यक्रम के दूसरे भाग में छात्रों ने हिन्दी के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में 70 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। 

छात्रों ने अंग्रेजी के साथ ही हिन्दी के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद हिन्दी की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। हिन्दी आज रोजगार की भाषा भी बन चुकी है। ऐसे में हम सबका दायित्व है कि हम हिन्दी को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि हिन्दी के विकास का मतलब किसी भाषा का विरोध नहीं है। कार्यक्रम का संचालन बीजेएमसी सेमेस्टर तीन के छात्र लोकभद्र सिंह तथा मनु मलिक ने किया।  

You May Have Missed

error: Content is protected !!