गुडग़ांव। धर्म भगवान राम ने सबसे पहला कार्य यज्ञ रक्षा का किया: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 02/12/2022 bharatsarathiadmin असम्भव को सम्भव बनाने एवं अपने अभीष्ट की सिद्धि का माध्यम यज्ञ यज्ञ का मन्त्र भाग ब्राह्मणों के पास है, तो हवि भाग गाय के पास यज्ञ वह कल्पवृक्ष है,…
गुडग़ांव। यज्ञ विभाजित, असंगठित समाज को एकसूत्र में पिरोने का माध्यम: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 06/04/2022 bharatsarathiadmin यज्ञ-महायज्ञ के माध्यम में सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण किया जाना संभव. यज्ञ-महायज्ञ, का भारतीय सनातन में वैदिक परंपरा का अनादी काल से महत्व. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी…
धर्म धर्मस्थल हमारी आध्यात्मिक आस्था के केन्द्र: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 29/03/2022 bharatsarathiadmin 2019 में शिलान्यासित अकला देवी धाम के मन्दिर के लोकार्पण को नेपाल पहुंचे. समस्त सनातनियों को प्रतिदिन सपरिवार मन्दिर में निश्चित रूप से आना चाहिए. देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा…
गुडग़ांव। आज ही ब्रह्मदेव ने सरस्वती का प्राकट्य किया: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 05/02/2022 bharatsarathiadmin भारतीय ज्योतिष में हर घटना को पूर्ण वैज्ञानिक रूप से निरूपित करने की कला. माताएं इसी दिन अपने बच्चों को अक्षर ज्ञान आरंभ भी कराना शुभप्रद समझती. आज ही के…
गुडग़ांव। राजसत्ता अपने पथ से भटके, सत्ता, धर्मसत्ता के हाथों उचित: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 27/01/2022 bharatsarathiadmin सन्तों का मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनना किसी भी दृष्टि से अनुचित नहीं. शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द ने दो टूक कहा कि राजनीति किसी की बपौती नहीं. सरकार देश में जिहाद की फैक्टरी…
गुडग़ांव। धर्म माँ शक्ति के जो 9 रूप, वही हिन्दुओं की प्रमुख देवी: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 25/01/2022 bharatsarathiadmin शाक्त सम्प्रदाय की मुख्य देवी , जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की गई. अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी. माँ शक्ति भिन्न-भिन्न रूपों में अपने…
गुडग़ांव। धर्म भगवान परशुराम ने सत्ता मद में चूर सहस्त्रार्जुन का किया वध : शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 25/12/2021 bharatsarathiadmin पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाएभगवान परशुराम ने आरम्भिक शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं ऋचीक से प्राप्त कीपरशुराम शस्त्रविद्या के महान गुरु थे भीष्म, द्रोण, कर्ण को…
गुडग़ांव। धर्म शिव, सृष्टि पालन, संहार, तिरोभाव और अनुग्रह में प्रवीण: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 19/12/2021 bharatsarathiadmin आस्तिकता उसके दोनों नेत्र है, विश्वास ही उसकी श्रेष्ठ बुद्धि एवम् मन. शिवसम्पत ब्रह्मचर्य लोक, वहीं पाँच आवरणों से युक्त ज्ञानमय कैलास. काल चक्रेश्वर की सीमा जिसे कि विराट महेश्वरलोक…
गुडग़ांव। धर्म धर्म का पालन केवल मानव देहधारी ही कर सकता है: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 11/12/2021 bharatsarathiadmin ब्रहमांड में जननी के बाद केवल गाय ही सबसे पवित्र, पालनहार. आकाश और अवकाश के भेद का निराकरण नहीं हो सकता. मनुष्य और पशु की प्रकृति एवं प्रवृत्ति लगभग समान…
गुडग़ांव। क्या जन्म और मृत्यु भी कभी टल सकती है ! : शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द 07/12/2021 bharatsarathiadmin यह संभव नही तो फिर कर्मों को छोड़ देने से ही क्या होगा. माया के स्वभाव बल से ही सब कर्म अपने आप होते रहते. हमारा अपना जो स्वधर्म है…