• बेरोज़गारी महँगाई निजीकरण के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया• कहीं थाली बजाकर, कहीं जुमला केक काटकर तो कहीं रोज़गार मार्च निकालकर हुआ कार्यक्रम देश में बेरोज़गारी को बहस के केंद्र में लाने वाले ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम की अपील पर प्रधानमंत्री के जन्मदिन को देशभर में ‘जुमला दिवस’ के तौर पर मनाया गया। इस दौरान बेरोज़गारी, महँगाई और निजीकरण के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। बेरोज़गार युवाओं में विशेष तौर पर उत्साह देखा गया, साथ ही बैंककर्मियों ने भी भारी संख्या में प्रदर्शन में हिस्सा लिया।लगातार दूसरे साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर पर जुमला दिवस, बेरोज़गार दिवस समेत कई तरह के विरोध प्रदर्शन देखे गए। कार्यक्रम तो कई राज्यों में हुए लेकिन ‘जुमला दिवस’ का कार्यक्रम मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड के जिलों में आयोजित हुआ। इस अवसर पर कहीं ताली थाली बजायी गयी, कहीं जुमला केक काटा गया तो कहीं बेरोज़गारी मार्च निकाली गयी। अनुपम ने बताया गया कि ‘जुमला दिवस’ मनाने के पीछे मोदी जी पर व्यक्तिगत प्रहार करने की मंशा नहीं है। व्यक्तिगत तौर पर तो हम उनकी लंबी आयु की शुभकामना देते हैं और ईश्वर से सद्बुद्धि और संवेदनशीलता देने की भी कामना करते हैं। लेकिन राजनेताओं के व्यक्तिगत जीवन में ही राजनीतिक संदेश होता है। जिस तरह किसी नेता की पहचान किसानों से होने पर उनकी जयंती किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिनकी शिक्षकों से रही तो शिक्षक दिवस और जिनका बच्चों से प्यार रहा तो बाल दिवस। उसी तरह मोदी जी की सबसे मजबूत पहचान आज “जुमलों” से होती है। बेरोज़गार युवाओं, सरकारी कर्मचारियों, मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं सबको किए वादे आज जुमला साबित हुए हैं। दो करोड़ रोज़गार, पेट्रोल डीजल सस्ती करने का वादा, विदेश से काला धन वापिस लाना, गंगा सफाई करना, संसद को अपराधियों से मुक्त करना, बहुत हुई महँगाई की मार, देश नहीं बिकने दूंगा, रेलवे का कभी निजीकरण नहीं होगा जैसे न जाने कितने वादों की गिनती आज जुमलों की फेहरिस्त में होती है। इसलिए आज देश मजबूर है उनके जन्मदिन को ‘जुमला दिवस’ के रूप में मनाने को। सफल कार्यक्रम के लिए ‘युवा हल्ला बोल’ के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा ने सभी को बधाई दिया। उन्होंने कहा “आज बधाई उन शिक्षित योग्य युवाओं को रोज़गार के नाम पर दिए गए जुमले के खिलाफ आज आवाज उठाए, बधाई उन बैंक कर्मियों को जो बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आज बोले, बधाई उन नागरिकों को जो आज महंगाई पर बोले, समाज के हर वर्ग को आज जुमला दिवस मनाने पर बधाई।” गोविंद मिश्रा ने कहा कि पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए चल रहे युवा हल्ला बोल के मुहिम को अब और मजबूती से देश भर में ले जाएंगे साथ ही देश भर में संगठन विस्तार भी करेंगे। Post navigation सारे घर नहीं राज्यों के बदल डालूंगा जन्मदिन , समर्थन और विरोध