बेरोजगार मुक्त-रोजगार युक्त हरियाणा बनाने का नया जुमला : विद्रोही

रेवाड़ी, 3 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि 2022 तक किसान आय दोगुना करने का जुमला बेनकाब होने व किसान आंदोलन के चलते गुमराह करके जुमले उछालकर किसान वोट हडपने का भाजपाई-संघी सपना धराशायी होने पर अब हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर प्रदेश में युवाओ व बेरोजगारों को ठगकर 2024 तक लोकसभा-विधानसभा चुनावों में वोट हडपने के लिए 2024 तक बेरोजगार मुक्त-रोजगार युक्त हरियाणा बनाने का नया जुमला उछाल दिया।

विद्रोही ने कहा कि सीएमआईई के आंकडों अनुसार 28 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा देश का नम्बर वन राज्य है। मुख्यमंत्री खट्टर जी इस बेरोजगारी के आंकडों को नकारकर रोजगार के झूठे आंकड प्रस्तुत करते रहते है। पर अब भारत सरकार के ही सांख्यिाकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बेरोजगारी पर जो अपनी ताजा सर्वे रिपोर्ट जारी की है, उसमें बताया गया है कि हरियाणा में 13.4 प्रतिशत स्नातक, 8.9 प्रतिशत स्नाकोत्तर व 13.1 प्रतिशत डिप्लोमा व सर्टिफिकेट होल्डर युवा बेरोजगार है।

विद्रोही ने कहा कि सांख्यिाकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार हरियाणा में ही लगभग 12 प्रतिशत स्नातक, स्नाकोत्तर व डिप्लोमा होल्डर युवक बेरोजगार है जिसमें अनपढ़ व गु्रेज्युएट शिक्षा से कम बेरोजगार युवकों, अन्य तकनीकी युवकों के आंकड़े शामिल नही है। यदि भारत सरकार के आंकड़े को ही आधार माना जाये तो हरियाणा में सभी तरह के 17 से 18 प्रतिशत युवा बेरोजगार है। जब प्रदेश में इतनी ज्यादा बेेरोजगारी दर हो और उसे मुख्यमंत्री द्वारा नकारकर बेरोजगारी पर झूठ पेलना बताता है कि भाजपा सरकार बेरोजगारी के प्रति कितनी व कैसी गंभीर है।

विद्रोही ने सवाल किया कि जब हरियाणा भाजपा सरकार बेरोजगारी के वास्तविक आंकड़ों को ही स्वीकारने को तैयार नही है तो वह बेरोजगारी का कैसा और क्या निदान करेगी, यह बताना भी बेमानी है। विद्रोही ने कहा कि चाहे प्रधानमंत्री मोदी जी हो या मुख्यमंत्री खट्टर या भाजपा के अन्य मंत्री-संतरी, सभी हर मुद्दे पर झूठ पेलकर लोगों को गुमराह करके ठगकर उनकी वोट हडपने में विश्वास करते है। ऐसे महाझूठे, जुमलेबाज, षडयंत्रकारी ठगों से किसान, मजदूर, गरीब, युवा, बेरोजगार, महिला, पिछडा, दलित, व्यापारी, कर्मचारी सहित किसी भी वर्ग के हित की आशा करना बेमानी है। 

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