भारत सारथी

दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार ने 98 साल की उम्र में बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे अंतिम सांस ली। उनके जाने से हिंदी सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है। दिलीप कुमार लंबे समय से बीमार थे। पिछले एक महीने में वे दो बार अस्पताल में दाखिल हुए थे। बुधवार शाम 5 बजे मुंबई के जुहू कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। फिल्मी हस्तियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

दिलीप कुमार साहब ने 1944 फिल्म ज्वार भाटा से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट नहीं हो पाई थी। सन् 1998 में उनकी अंतिम फिल्म ‘क़िला’ थी। उमेश मेहरा की इस फिल्म में उन्होंने डबल रोल किया था। इससे पहले सुपर हिट फिल्म ‘राम और श्याम’ में भी डबल रोल था। इस फिल्म में कॉमेडी रोल कर उन्होंने यह साबित किया कि उनकी प्रतिभा सिर्फ गंभीर भूमिकाओं तक नहीं है ; वे कॉमेडी भूमिका भी पारंगत हैं। फिल्म ‘बैराग’ में उन्होंने तीन भूमिकाएं निभाईं। इस फिल्म में किशोर कुमार जी की पहली पत्नी रूमा ने भी अभिनय किया था।

उनके फिल्मी जीवनकाल में सिर्फ ‘सगीना महतो’ फिल्म में किशोर कुमार ने उनके लिए गीत गाए जिनमें से एक गीत में दिलीप साहब ने खुद भी गाया था। उस गाने के बोल हैं – आग लगी हमरी झोंपड़िया में हम गावई मल्हार। 1998 में उनकी आखिरी फिल्म ‘क़िला’ रिलीज़ हुई थी। उन्होंने 54 साल फिल्म उद्योग में काम किया और इस अवधि में 65 से अधिक फिल्में आईं।

1949 में रिलीज हुई फिल्म अंदाज़ में दिलीप साहब के साथ फिल्म उद्योग के शो मैन राज कपूर साहब भी थे। नरगिस हिरोइन थीं। 1955 में सदाबहार देवानंद के साथ फिल्म ‘इंसानियत’ रिलीज हुई थी। राज साहब और देव साहब के साथ अपने जीवनकाल एक एक फिल्म की थी। तीनों बहुत अच्छे दोस्त भी थे। मुग़ल-ए-आज़म दिलीप साहब की सदाबहार फिल्म है।

उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ पहली बार ‘शक्ति’ फिल्म काम किया। यह फिल्म 1982 में रिलीज हुई थी। सहस्राब्दी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ दिलीप साहब की यह पहली और आखिरी फिल्म थी।

उनकी यादगार फ़िल्में हैं – जुगनू, जोगन, घर की इज्जत, शहीद, मेला, अनोखा प्यार, नदिया के पार, बाबुल, तराना, दीदार, आन, फुटपाथ, अमर, दाग, आजाद, नया दौर, पैग़ाम, कोहिनूर, देवदास, गंगा जमना, लीडर, दिल दिया दर्द लिया, आदमी, गोपी, क्रांति, सौदागर, विधाता, कर्मा आदि। उनकी दो फ़िल्में आग का दरिया और कलिंगा बन गई थीं लेकिन किन्हीं कारणों से रिलीज़ नहीं हो पाईं।

आठ बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता।  सबसे अधिक फिल्मफेयर अवॉर्ड उन्हीं के नाम दर्ज थे लेकिन अब शाहरूख खान उनकी बराबरी पर आ गए हैं। उन्हें 1994 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। 1991 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-इम्तियाज 1998 में मिला।

3 अप्रैल 2000 से 2 अप्रैल 2006 तक राज्यसभा सदस्य रहे।

‘ट्रैजेडी किंग’ नाम से मशहूर दिलीप साहब का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर में हुआ था। फिल्म जगत की मशहूर कलाकार सायरा बानो से 1966 में शादी की। शादी के चार साल बाद 1979 में सुपर हिट फिल्म गोपी रिलीज हुई जिसमें में पति पत्नी दोनों ने साथ काम किया। 1974 में फिल्म सगीना महतो में  दोनों ने फिर एक साथ काम किया। दिलीप साहब ने 1981 असमा रहमान से दूसरी शादी की थी। दो साल बाद 1983 में असमा से तलाक ले लिया था।

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