गुरुग्राम, 16 जून 2021। कोर्ट के स्टे को नकारते हुए तोड़फोड़ करने वाले डीटीपी आरएस बाठ पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चलेगा। कोर्ट की अवमानना करने पर दायर याचिका पर सिविल जज विवेक सिंह की अदालत ने छुट्टियों के दौरान ही तत्काल संज्ञान लेते हुए डीटीपी बाठ को नोटिस जारी किया है। इस मामले में डीटीपी आरएस बाठ को 1 जुलाई 2021 को कोर्ट में जवाब देने के लिए तलब किया। डीटीपी बाठ के साथ-साथ अदालत ने एटीपी आशीष शर्मा, योजना सहायक सतेन्द्र, हुडा के जेई आनंद, बाठ के निजी पीएसओ उमेश व खेड़की दौला थाना के एसएचओ किशनकांत को अवमानना का नोटिस जारी कर इसी तारीख को तलब किया है।

अदालत में दायर अपनी याचिका में श्रीमती दीपक चुघ व श्रीमती मनोरमा ने कहा कि शिकोहपुर राजस्व क्षेत्र में भूक्षेत्र की मालकिन हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि इस भूमि पर कई निर्माण उनके ज़मीन खरीदने के समय भी किए हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने 24 फरवरी 2021 को अदालत में एक याचिका दायर कर इस ज़मीन पर हुए किसी भी प्रकार के निर्माण की तोड़फोड़ के खिलाफ माननीय अदालत से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। इस स्थगन आदेश में अदालत ने साफ तौर पर याचिका में प्रतिवादी बनाए गए डीटीपी आरएस बाठ और उनके कार्यालय अधिकारियों, एजेंट, नौकर व प्रतिनिधियों को इस प्रोपर्टी में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 10 जून को डीटीपी आरएस बाठ अपने विभागीय सहयोगियों के साथ शिकोहपुर राजस्व क्षेत्र की इस ज़मीन पर पहुंचे और निर्माण कार्यों की तोड़फोड़ शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ के खिलाफ अदालत का स्थगन आदेश दिखाए जाने पर डीटीपी बाठ ने आदेश की प्रति को फाड़ते हुए कहा कि वह स्वयं ही कोर्ट है, वह ही जज है, वह ही पुलिस है और उन्हें तोड़फोड़ कार्रवाई करने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। इस याचिका में उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद खेड़की दौला के एसएचओ किशनकांत को स्टे आॅर्डर की काॅपी देनी चाही तो उन्होंने आॅर्डर की काॅपी लेने से इनकार कर दिया।

अपनी याचिका के साथ 10 जून को डीटीपी बाठ के निर्देश पर हुई तोड़फोड़ कार्रवाई की वीडियो और फोटोग्राफ संलग्न करते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बाठ की यह कार्रवाई अदालत की घोर की अवमानना है और उन्हें कोर्ट की अवमानना का दंड दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने अदालत से अपील की कि उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए डीटीपी आरएस बाठ को अपने निजी खर्च पर उनके तोड़े गए निर्माण को फिर से बनवाने का निर्देश दें। अपनी याचिका में उन्होंने अदालत से यह भी आग्रह किया कि अदालत की अवमानना के मामले की सुनवाई पूरी होने तक डीटीपी बाठ को हिरासत में लेकर कैद में रखा जाए।

उधर, पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल का कहना है कि डीटीपी आरएस बाठ अदालत के आदेशों की पहले भी अवहेलना करते रहे हैं। अदालत के आदेशों का सम्मान करना उनकी कार्यशैली में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि डीटीपी बाठ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उन आदेशों की भी घोर अवहेलना की जिसमें हाई कोर्ट ने कहा कि 30 जून 2021 तक गुरुग्राम सहित पूरे हरियाणा में कहीं भी किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ और बेदखली की कार्रवाई न की जाए। श्री अग्रवाल ने कहा कि डीटीपी बाठ के खिलाफ अवमानना का एक अन्य मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी दायर किया जाएगा।

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