पानी की कमी से जूझ रहे ग्रामीण, सरकार संवेदनहीन : गंगाराम श्योराण

दोनों जिलों में पानी के लिए मची हुई त्राहि त्राहि, सरकार हुई सेल्फिश
कितलाना टोल पर 171वें दिन पेयजल समस्या का मुद्दा छाया

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

13 जून, भिवानी और दादरी जिले में पीने के पानी की भारी समस्या है दूसरी तरफ सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन है। यह बात भीमराव अंबेडकर व चौधरी छोटूराम विचार मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जनता टैंकरों से पानी मंगवाना रही है जो उन्हें काफी महंगा पड़ रहा है। यही हाल नहरी पानी का है। बहुत से गांवों में जोहड़ खाली होने से मवेशियों के लिए पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सांसद और भाजपा-जजपा के विधायकों को लोगों की दुख तकलीफ से कोई सरोकार नहीं है।           

उन्होंने कहा कि हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का यह पूछना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीन कृषि कानूनों में काला क्या है। उन्हें भाजपा का चश्मा उतार कर संयुक्त किसान मोर्चा नेताओं के साथ एक मीटिंग करनी चाहिए ताकि उन्हें इस कानूनों के पीछे छिपी भाजपा की असली मंशा समझ में आ सके। भाजपा का मकसद इन कानूनों की आड़ में अपने चहेते पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाना है। किसान और मजदूर इनकी असलियत जान गए हैं इसलिए लगभग सात महीने से इन कानूनों को रद्द करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।           

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर धरने के 171वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप के धर्मबीर फौगाट, किसान सभा के बलबीर बजाड़, गंगाराम श्योराण, प्रताप सिंह,कृष्णा छपार संतोष देशवाल ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पानी की मांग को लेकर बहुत सी जगह महिलाओं ने मटका फोड़ प्रदर्शन किये हैं। उनके अनुसार जनता को पानी मुहैया करवाना सरकार का नैतिक दायित्व है।           

धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान, सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, प्रोफेसर राजेंद्र डोहकी, सुभाष यादव, रणधीर कुंगड़, मंगल सिंह सुई, सत्यवान कालुवाला, सुखदेव सिंह, खुशीराम एडवोकेट, संजय मानकावास, लवली सरपंच, धनपत पैंतावास कलां, मास्टर कृष्ण, रघुबीर सिंह, मास्टर देवेंद्र हड़ौदी इत्यादि मौजूद थे।

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