नारनौल, रामचन्द्र सैनी राजकीय पीजी कॉलेज के भूगोलविद एवं पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी एसोसिएट प्रोफेसर डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि आजकल भारत करोना कि सुनामी के साथ-साथ ताऊ -ते (तौ-कते) उष्णकटिबंधीय चक्रवात की भीषण प्रभाव झेल रहा है। जिसके कारण पश्चिमी तटीय इलाके जिसमें गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र व गुजरात में भारी भारी प्रभाव देखा जा सकता है l आज इसका प्रभाव राजस्थान में देखा गया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में इसका प्रभाव कल देखने को मिलेगा करीब सुबह 7:00 बजे को पहुंचेगा, जिससे यहां तेज हवा एवं बारिश हो सकती है तथा तापमान में भारी गिरावट देखी जा सकती है। राजकीय महाविद्यालय के भूगोलविद एवं पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि तौ-कते (ताऊ -ते) उष्णकटिबंधीय चक्रवात है । अरब सागर से चले चक्रवात तौ-कते का उदय का नाम मायनमार ने दिया है , इसका अर्थ होता है छिपकली यह नाम वर्मा क्षेत्र में पाई जाने वाली गेको नाम की छिपकली पर आधारित है। यह भारत के पश्चिमी तट पर वर्ष 2021 का पहला चक्रवात है। उन्होंने बताया कि यह प्राकृतिक घटना है और इस प्रकार की घटनाएं घटती रहती है परंतु आज विज्ञान एवं नई तकनीकी जैसे रिमोटसेंसिंग और geoinformatics जियो इंफोर्मेटिक्स की वजह से इस प्रकार की घटनाओं का वैज्ञानिक पहले ही अध्ययन एवं आकलन कर लेते हैं जिससे अधिक जान माल की हानि नहीं होती इसी तकनीकीयो के आधार पर सरकार ने उन क्षेत्रों को पहले ही खाली करवा लिया जिन पर इस चक्रवात का ज्यादा प्रभाव था* Post navigation और बनाओ चाय वाले को प्रधानमंत्री, मोदी के तौर तरीकों से संघ में बेबस बेचैनी आखिर किसने मारी लड़की की गर्दन में गोली, पुलिस को लड़की के होश में आने इंतजार