भाजपा शीर्ष नेतृत्व अपने बड़बोले नेताओं की जुबान पर लगाये लगाम

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

18 मई, भाजपा और जजपा के नेता सत्ता के नशे में उलजुलूल भाषा का प्रयोग कर किसानों पर आरोप लगाने से बाज आएं। यह चेतावनी वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व को अपने इन बड़बोले नेताओं की जुबान पर ताले लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें से कई नेताओं को जनता पिछले विधानसभा चुनाव में आईना दिखा चुकी है लेकिन सरकारी लॉलीपॉप मिलने के बाद  उनके सुर बदल गए हैं।           

उन्होंने कहा कि किसान 175 दिन से अपने वाजिब हकों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बीच 450 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखें नहीं खुल रही है। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूरों की एकजुटता से बना ये जनांदोलन अपनी चरमसीमा पर पहुंच चुका है। सरकार को हठ त्याग वार्ता के गतिरोध को दूर करना चाहिए।           

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने के 145वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप उन्नीस के धर्मबीर समसपुर, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, सुखदेव पालवास, सुभाष यादव, प्रेम शर्मा, राजबाला कितलाना, मीर सिंह सिंहमार, मास्टर राजसिंह जताई ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि किसानों ने हिसार में कोरोना हस्पताल पर हमला किया जो पूरी तरह झूठ है। इन नेताओं को किसानों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए वर्ना जनता मौका आने पर इनसे हिसाब जरूर लेगी।           

 इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सूरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रणधीर घिकाड़ा, जागेराम डीपीई, सत्यवान बलियाली, धर्मेन्द्र छपार, सत्यवान कालूवाला, सुबेदार सतबीर सिंह, ओम नम्बरदार चरखी, परमजीत फतेहगढ, बलजीत, रविन्द्र डोहकी, कप्तान रामफल इत्यादि मौजूद थे

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