महामारी के चलते खुद नियमों की धज्जियां उड़ाते फिर रहे हैं, क्यों ना मुख्यमंत्री और संबंधित जिले के अधिकारियों पर हो केस दर्ज।
किसान बोले- दूसरों को नसीहत देने वाले मुख्यमंत्री खुद पर रखें काबू

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

17 मई,हिसार में किसानों पर पुलिस द्वारा निर्दयतापूर्ण लाठीचार्ज को लेकर आज कितलाना टोल पर वक्ताओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों को दूसरों को नसीहत देने से पहले खुद पर काबू रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि किसी भी आयोजन में 11 से ज्यादा आदमी इक्कठे नहीं होंगे। ऐसे में कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री के दौरे पर भीड़ एकत्रित करके संक्रमण बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री और संबंधित जिले के अधिकारियों पर केस दर्ज होना चाहिए।           

उन्होंने कहा कि हिसार में पुलिस ने माताओं और बहनों को भी नहीं बख्शा और उन पर जमकर ना केवल लाठियां भांजी साथ में पथराव भी किया। इस घटना ने अंग्रेजी हुकूमत के जुल्मों को भी पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि किसान ना बेबस है और ना ही लाचार हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के बदन पर पड़ी एक एक लाठी का हिसाब चुकता किया जाएगा।           

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने के 144वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप उन्नीस के धर्मबीर समसपुर, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, सुखदेव पालवास, सुभाष यादव, संतोष देशवाल, प्रेम शर्मा, राजबाला कितलाना, मीर सिंह सिंहमार, मास्टर राजसिंह जताई ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने आकाओं की नजर में खुद का वर्चस्व दिखाने के लिए दौरे पर निकले हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि मनोहर लाल खट्टर अपनी सरकार के कारनामों की वजह से प्रदेश के लोगों की नजरों में गिर चुके हैं। जनता कई बार इनको बानगी दिखा चुकी है।       

इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सूरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रणधीर घिकाड़ा, जागेराम डीपीई, सत्यवान बलियाली, धर्मेन्द्र छपार, सत्यवान कालूवाला, सुबेदार सतबीर सिंह, ओमप्रकाश नम्बरदार चरखी, परमजीत फतेहगढ, बलजीत, सरदार सुखविन्दर सिंह असंध, सनपत मैम्बर अनुसूचित जाति, रविन्द्र डोहकी, कप्तान रामफल डोहकी, कवंरशेर चन्देनी,शमशेर सांगवान, प्रताप सिंहमार इत्यादि मौजूद थे।

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