· किसान महापंचायत में दीपेंद्र हुड्डा ने किया ऐलान, कांग्रेस सरकार बनने पर कंडेला कांड की तर्ज पर इस किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान परिवारों के एक सदस्य को देंगे नौकरी · आज़ादी के बाद के सबसे बड़े, अनुशासित व शांतिपूर्ण किसान संघर्ष से अंततः इस सरकार का अहंकार चकनाचूर होगा · महापंचायत में 36 बिरादरी ने शांतिपूर्ण किसान संघर्ष में किसान के साथ एकजुटता का प्रस्ताव पास किया · खरखौदा हलके के गांव बैंयापुर में शहीद किसान स्व. राजेन्द्र सरोहा के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी व परिवार से मिलकर उन्हें 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद सौंपी और ढांढस बंधाया · तीनों कानून रद्द करे और जुबानी नहीं, एमएसपी की कानूनी गारंटी दे सरकार चंडीगढ़, 21 फरवरी। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज गन्नौर हलके के गांव पुरखास में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार ने प्रदेश को देशभर में बेरोजगारी में नंबर-1 बनाया, अपराध में नंबर-1 बनाया, सबसे ज्यादा निवेश वाले हरियाणा की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी अब किसान विरोध में हरियाणा को नंबर-1 बना दिया। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई में सभी का आवाह्न करते हुए कहा कि इस सरकार के कारनामों से हमें मिलकर एकजुटता से लड़ाई लड़नी होगी। किसान-मजदूर की आवाज़ में इतनी ताकत होनी चाहिए कि उनकी एक आवाज़ पर देश की संसद हिल जाए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने चेताया कि अगर किसान-मजदूर एक नहीं हुआ तो ऐसा समय आयेगा कि सड़क पर किसान पिटेगा और मंडी में किसान की फसल पिटेगी। दीपेंद्र हुड्डा ने किसान महापंचायत में बड़ी तादाद में मौजूद किसानों के सामने ऐलान किया कि जिस प्रकार कंडेला कांड के पीड़ित किसान परिवारों को हुड्डा सरकार ने शहीद का दर्जा व रोजगार दिलाया था उसी तर्ज पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले हरियाणा के हर किसान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जायेगी। महापंचायत में एक स्वर में प्रस्ताव पास किया गया कि शांतिपूर्ण किसान संघर्ष में 36 बिरादरी किसान के साथ है। सरकार अपना घमंड छोड़े, भगवान् इसे सदबुद्धि दे ताकि किसान को दोबारा बातचीत के लिये बुलाए। किसान महापंचायत का आयोजन हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा ने किया था। दीपेंद्र हुड्डा ने खरखौदा हलके के गांव बैंयापुर में शहीद किसान स्व. राजेन्द्र सरोहा के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी व परिवार से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान उन्होंने शहीद किसान के परिवार को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद सौंपी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की बार्डरों पर पिछले तीन महीने से किसान अग्निपरीक्षा दे रहे हैं और इन्हें सरकार देशद्रोही कह रही है। देश की आजादी के बाद इतना बड़ा शांतिपूर्ण और अनुशासित आंदोलन नहीं देखा गया। इन तीन महीनों में 200 से ज्यादा शव अपने-अपने गांवों में लौट चुके हैं मगर फिर भी किसानों ने अपना संयम नहीं खोया, अपना अनुशासन नहीं तोड़ा। दूसरी तरफ, अहंकार में डूबी सरकार की तरफ से उनके आंसू पोंछने तक कोई नहीं आया। तब नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्देश पर हर किसान के परिवार को कांग्रेस विधायक दल ने अपनी तरफ से निजी तौर पर 2 लाख रुपये की मदद देने का काम किया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उनके दिल में इस बात की टीस है कि सरकार को 200 से ज्यादा किसानों की कुर्बानी से भी कोई फर्क नहीं पड़ा है। वो लगातार आंदोलन को विफल करने के लिये साजिश और षड्यंत्र रच रही है। किसान की आवाज किस प्रकार कुचली जाए इसके लिये तमाम प्रयास कर रही है। उन्होंने भरी पंचायत में सवाल पूछा कि सरकार किसानों को देशद्रोही, आतंकवादी, नक्सली और न जाने क्या-क्या कह रही है। जबकि, पिछले तीन महीने में एक मूंगफली छीनने या किसी से ऊंची आवाज़ में बोलने की भी शिकायत किसी थाने या चौकी पर आयी हो तो सरकार बताए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार तीनों कानून रद्द करे और जुबानी नहीं एमएसपी की कानूनी गारंटी दे। क्योंकि, पहले भी सरकार ने काफी सारे जुबानी वायदे किये और उनको पूरा नहीं किया। इसलिये सरकार पर भरोसा टूट चुका है और किसी को उसकी बात पर यकीन नहीं है। बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये के वादे को भारत का कोई वर्ग भूला नहीं है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अपनी प्रजा की बात मानने से सरकार छोटी नहीं होगी। अहंकार छोड़कर किसानों की बात माने सरकार। इतिहास में बड़े-बड़ों का घमंड चकनाचूर हुआ है। हम सड़क से लेकर संसद तक और चौपाल से लेकर विधानसभा तक किसान के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। इस सरकार के घमंड को एकजुटता से चकनाचूर करेंगे। Post navigation लाल किले पर हुई घटना की स्वतंत्र एजेंसी करे जांच: रणधीर रेढू 3 क्विंटल 25 किलो ग्राम गांजा किया बरामद